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फर्जी दस्तावेज लगाकर ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के आरोप में एक ड्राइविंग स्कूल संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। बता दे कि आरोपी ड्राइविंग स्कूल के फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर लोगों के लाइसेंस बनवाता था। विजिलेंस की जांच में खुलासा हुआ है कि जिन लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस बनाए गए हैं, उन्होंने कभी ड्राइविंग स्कूल में ड्राइविंग सीखी ही नहीं। पूछताछ के दौरान पाया गया कि आरोपी जगदीश कुमार निवासी चड़ी तहसील रामपुर जिला शिमला ने वर्ष 2020 से मई के दौरान अलग-अलग जिलों जिसमें सोलन, शिमला, कुल्लू, किन्नौर में धोखाधड़ी करके भारी प्रशिक्षण वाहन प्रशिक्षण लाइसेंस जारी किया।आरोपी ने 2022 में रामपुर और अर्की के न्यू अंजली ड्राइविंग स्कूल रामपुर और न्यू राम शीला ड्राइविंग स्कूल के नाम पर जाली प्रमाणपत्र बनाए और फ्रॉड प्रशिक्षण लाइसेंस के लिए छह से सात हजार रुपए वसूले हैं। विजिलेंस यह पता लगा रही है कि आरोपी किसके जरिए फर्जी लाइसेंस बनवाता था, और विजिलेंस यह भी पता लगा रही है कि ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में कौन-कौन से अधिकारी शमिल हैं। विजिलेंस की जांच और भी कई गिरफ्तारियां हो सकती हैं।बताया जा रहा है कि आरोपी द्वारा फ्रॉड ट्रेनिंग प्रामण पत्र जारी किए गए हैं और इन फ्रॉड ट्रेनिंग लाइसेंस को आरएलए की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। उधर, एसपी विजिलेंस अंजुम आरा ने मामले की पुष्टि की है। एसपी अंजुम आरा ने कहा कि विजिलेंस ने आरोपी के खिलाफ 420, 468, 471, 120बी के तहत केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
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