News portals-सबकी खबर (धर्मशाला)
प्रदेश के जिला कांगड़ा के स्थित धर्मशाला में हिमाचल की अनूठी संस्कृति के विभिन्न 11 जिलों के लोकनृत्य के रंग देखने को मिले। पर्यटन एवं खेल नगरी धर्मशाला के खेल परिसर में बुधवार को 38वें राज्य स्तरीय युवा उत्सव का शुभारंभ हुआ। 28 से 30 दिसंबर तक चलने वाले युवा उत्सव की विधिवत शुरुआत करते हुए उपायुक्त कांगड़ा डा. निपुण जिंदल ने प्रदेश से आए लगभग 600 कलाकारों का उत्साहवर्धन किया| प्रतियोगिता के पहले दिन लोकनृत्य में कांगड़ा जिला के झमाकड़ा, कुल्लू की कुल्लवी नाटी, सिरमौर की सिरमौरी, किन्नौर की किन्नौरी नाटी, चंबा की गद्दियाली, मंडी की लुड्डी, शिमला की नाटी, ऊना का पंजाबी गिद्दा सहित विभिन्न लोकनृत्य ने मौजूद लोगों के कदम थिरकने को मजबूर कर दिए।साथ ही लोक परिधानों में सजी युवतियों के साथ मौजूद लोगों, कलाकारों व दर्शकों ने भी चित्र खिचवाएं। पारंपरिक वेशभूषा में लोकनृत्य सबके लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा। शास्त्रीय गायन, हारमोनियम वादन और एकांकी ने खूब समां बाधां, और तालियां बटौरी।। युवा उत्सव के उद्घाटन के अवसर पर बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए उपायुक्त कांगड़ा ने उपस्थित युवाओं से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संजोए रखने का आह्वान किया। वहीं तीन दिन चलने वाले राज्य युवा उत्सव में पूरे राज्य से आए लगभग 600 युवा प्रतिभागी 11 विधाओं में अपनी कलाओं का प्रदर्शन करेंगे। इनमें लोक नृत्य, लोक गीत, एकांकी (वन एक्ट प्ले), शास्त्रीय गायन, तबला वादन, बांसुरी वादन, सितार वादन, हारमोनियम वादन, कत्थक नृत्य, वाग्मिता (आशु भाषण) और पारंपरिक/लोक वाद्य यंत्र प्रतिस्पर्धाओं में युवा कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। राज्य स्तरीय युवा उत्सव में भाग ले रहे प्रतिभागियों की कला को परखने के लिए प्रदेश के प्रतिष्ठित विद्वान और कलाकार निर्णायक मंडल में शामिल हैं।
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