न्यूज़ पोर्टल्स:सबकी खबर(चौपाल-नरेंद्र सिंह)
समूचे क्षेत्र और बिरादरी की मंगल कामना के साथ शिमला जिले के चौपाल क्षेत्र के ठुंडंना गांव में माता श्री ठारी देवी के शांत महायज्ञ की आज शुरूआत हुई। माता की आराधना का यह महोत्सव अगले तीन दिनों तक, यानि 19 तारीख तक चलेगा। महोत्सव की खासियत यह है कि इसमें सिर्फ ठुंडू बिरादरी के ही लोगों को शामिल होने की इजाजत है।किसी भी और बिरादरी के लोग इस महोत्सव में शामिल नहीँ हो सकते। न ही तीन दिनों तक किसी अन्य बिरादरी के लोगों को ठुंडंना गांव में प्रवेश की अनुमति होगी। यहां केवल ठुन्डू बिरादरी के लोग ही प्रवेश कर पाएंगे।
चौपाल के ठुंडंना गांव में यह महोत्सव 12 वर्ष बाद मनाया जा रहा है और इसके बाद अगले 12 वर्ष बाद फिर से मनाया जाएगा। इसलिए इस आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे। आज ठुन्डू बिरादरी के लोग एक स्थान एकत्रित होंगे जिसस पूरे इलाके में बिरादरी की एकता व भाईचारे को प्रदर्शित करेगा। साथ में अपने पुश्तैनी या पूजा स्थान वाले अस्त्र-शस्त्र (डागंरा, तलवार, बरछी) व ढोल-नगाड़े भी साथ महोत्सव की शुरुआत हुई। इस अवसर पर जनसमूह ने परंपरागत गायन के माध्यम से देवी की आराधना की और नाच गाकर देवी आराधना के इस अनोखे पर्व की शुरुआत की। शस्त्रों के साथ पारंपरिक गायन के माध्यम से अगले 3 दिनों तक इसी तरह समारोह मनाया जाएगा और देवी माता ठारी देवी की पूजा आराधना की जाएगी।
इस शांत में जिला शिमला के लगभग 30 – 40 गांव आते हैं । उत्तराखंड जिसमें कि जौनसार बाबर चकराता ट्यूनी के तीन चार गांव आते हैं चेहता परगना जिसमें की हरिपुरधार और कुपवी सत्र के 20- 30 गांव आते हैं । शिलाई क्षेत्र के 15-20 गांव और पावटा क्षेत्र के 5-7 गांव अते है राजगढ़ क्षेत्र जिसमें की 5-7 गांव आते हैं कुसुमटी क्षेत्र जिसमें कि दो-तीन गांव आते हैं
ठुंडू बिरादरी इन सब को आज ठुंडंना गांव
में शांत में नेवता दिया गया है जिनकी आज सुबह से आने की सूची इस तरह से है ।
प्रस्तावित प्रस्थान की समय सारणी ः 17 जून 2019
विकासनगर व पांवटा (बनोर तथा भरली) – प्रातः 06:30 बजे।
*- राजबन* – प्रातः *07:00* बजे।
*- सतोन* (पोका) – प्रातः *07:15* बजे।
*- कफोटा* (पाब, मिनलबाग, जुईनल, भटाड़) – प्रातः *08:00* बजे।
*- टिम्बी* (चंकोली, पाब, भैड़ाल) – प्रातः *08:30* बजे।
*- शिलाई* (कांडी, सुंदराड़ी, दाया, बांदली, बाली) – प्रातः *09:00* बजे।
*- मीनस* – प्रातः *10:00* बजे।
*- नेरवा* – दोपहर *11:30* बजे। (नेरवा से थोड़ा पहले – हरिपुरधार इकाई, कुपवी इकाई, कोटी बावर, होडा, ड्रेना, ठुंड)
*- ठुंडंना* – दोपहर *12:30* बजे।
Recent Comments