प्रकाश उत्सव के दिन 30 नवंबर को भोग अखंड, कीर्तन और रात को 8.30 बजे से विशेष कवि दरबार सजेगा।
News portals-सबकी खबर (पांवटा साहिब )
हिमाचल प्रदेश में कोरोना माहामारी तेजी से फ़ैल रही है जिसके चलते इस बार कई पर्वों और त्योहारों पर पड़ा है। जनता को संक्रमण से बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसी बीच, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पांवटा साहिब ने बड़ा अहम फैसला लिया है। 300 साल में पहली बार गुरु की नगरी पांवटा साहिब में सिख पंथ के संस्थापक गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व पर नगर कीर्तन नहीं निकाला जाएगा।
यह पर्व 30 नवंबर को मनाया जाएगा, लेकिन नगर कीर्तन के आयोजन को लेकर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने हामी नहीं भरी है। गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब के उपप्रधान जत्थेदार सरदार हरभजन सिंह, सदस्य हरप्रीत सिंह, करमवीर सिंह और प्रबंधक सरदार जगीर सिंह ने कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते गुरु नानक देव जी का 551वां प्रकाश पर्व का आयोजन हो रहा है।
इस बार नगर कीर्तन नहीं निकालने का फैसला लिया गया है। पांवटा साहिब में गुरुद्वारा साहिब की स्थापना के बाद संभवतया पहली बार ऐसा हो रहा है। कोरोना काल में हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी भी बनती है कि संक्रमण फैलने से रोकने में अपना सहयोग दें। हालांकि, गुरु पर्व के मौके पर ऐतिहासिक गुरुद्वारा में अन्य सभी कार्यक्रम पहले की तरह होंगे।
सिख पंथ के संस्थापक गुरु नानक देव जी के 551वें प्रकाश पर्व पर 28 से 30 नवंबर तक कार्यक्रम होंगे, जिसमें अखंड पाठ साहब, कीर्तन दरबार, ढाढी दरबार, बच्चों का कवि दरबार होगा। प्रकाश उत्सव के दिन 30 नवंबर को भोग अखंड, कीर्तन और रात को 8.30 बजे से विशेष कवि दरबार सजेगा।
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