News Portals सबकी खबर(धर्मशाला) पैराग्लाइडिंग की विख्यात घाटी बिलिंग में तीन साल के लंबे अंतराल के बाद विदेशी पायलटों का आगमन शुरू हो गया है। मगर प्रशासन की तरफ से उन्हें किसी भी प्रकार की सहूलियत नहीं मिल पा रही है। बुधवार को दो विदेशी पायलट बिलिंग से उड़ान भरने के बाद पेड़ों पर अटक गए, जिन्हें स्थानीय पायलटों ने अपने बलबूते पर रेस्क्यू किया। जानकारी के अनुसार बिलिंग घाटी में अगर कोई दुर्घटना यहां घट जाए तो प्रशासन की तरफ से कोई इंतजाम नहीं हैं। बुधवार को दो पायलट पेड़ों पर फंस गए, जिन्हें पायलटों ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर रेस्क्यू किया।
प्रशासन एक रेस्क्यू टीम का गठन करें और जो पैसे पायलटों से वसूले जा रहे हैं उनमें से कुछ पैसा रेस्क्यू टीम को दिया जाए। साडा सुपरवाइजर रणविजय का कहना है कि प्रशासन पायलटों की इश्योरेंस देखकर ही उन्हें उडऩे की इजाजत देता है। अगर बीच में कोई अनहोनी हो जाए तो रेस्क्यू करना उसकी अपनी जिम्मेदारी पर है।
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