22 साल अपने गृह क्षेत्र में दी थी बेहतरीन सेवाएं
News portals-सबकी खबर (संगड़ाह)
उपमंडल संगड़ाह के अंतर्गत आने वाले गांव भराड़ी निवासी डॉ कल्याण सिंह चौहान का दोनों किडनी खराब होने के चलते निधन हो गया है। डॉ कल्याण का जन्म 1958 में गांव भराड़ी में हुआ तथा इनकी प्रारंभिक शिक्षा भी यहीं से हुई। जमा दो की पढ़ाई के पश्चात इन्होंने पशुपालन विज्ञान में एएच विश्वविद्यालय हरियाणा, हिसार से ग्रेजुएशन किया।
वर्ष 1983 में बतौर पशुपालन अधिकारी हरिपुरधार इनकी नियुक्ति हुई तथा यहां 6 वर्ष कार्यकाल पूरा करने के बाद नौहराधार में 16 वर्ष तक अपनी सेवाएं दी। इसके बाद एसवीओ पद पर नियुक्त होने के बाद इन्होंने अपनी सेवाएं राजगढ़ व पावटा साहिब में दी़। अगली पदोन्नति के बाद अतिरिक्त निदेशक पोल्ट्री फॉर्म नाहन सेवाएं दी।
बाद में संयुक्त निदेशक हिमाचल प्रदेश के पद पर नियुक्त हुए तथा 31 अक्टूबर 2016 में सेवानिवृत्त हुए। जानकारी के अनुसार वह लंबे समय से बीमारी से ग्रसित थे। इनका किडनी प्रत्यारोपण कामयाब नहीं रहा, हालांकि उनकी धर्मपत्नी मथुरा देवी ने इन्हें अपनी एक किडनी दी थी।
डॉ कल्याण हालांकि कोरोना से जंग जीतने के में कामयाब रहे, मगर, किडनी की बिमारी से जिंदगी की जंग हार गए। उन्हें अपने गृह क्षेत्र में बेहतरीन सेवाएं देने के लिए जाना जाता है। डॉ कल्याण के निधन पर पूरे इलाके में शोक की लहर है। क्षेत्र के कांग्रेस व भाजपा नेताओं के अलावा कर्मचारी महासंघ संगड़ाह तथा विभिन्न संगठनों ने उनके निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की।
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