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मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर, केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केन्द्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे और केन्द्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामले मंत्री अनुराग ठाकुर ने आज सिरमौर जिला के धौला कुआं में वीडियो कॉंफ्रेस के माध्यम से भारतीय प्रबन्धन संस्थान (आईआईएम) की आधारशिला रखी। इस संस्थान के प्रथम चरण के कार्य को 392.51 करोड़ रुपये के व्यय से पूरा किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि आईआईएम हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2014 में प्रदान किया गया था और तब से यह संस्थान तेजी से आगे बढ़कर एक प्रमुख संस्थान बनकर उभर रहा है। यह संस्थान सुन्दर व शांत भू-दृश्य और शांतिपूर्ण वातावरण में विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षणिक माहौल प्रदान करेगा।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के ऊना में आईआईआईटी, बिलासपुर में एम्स, कांगड़ा में केन्द्रीय विश्वविद्यालय व निफ्ट जैसे राष्ट्रीय संस्थान होने का गौरव प्राप्त है। इससे हिमाचल देश का शिक्षा का प्रमुख केन्द्र बनकर उभरा है।
उन्होंने इस संस्थान के सम्पूर्ण परिसर का डिजाइन पारम्परिक हिमाचली शिल्प में तैयार करने के लिए संस्थान के प्रबन्धन की प्रशंसा की। पूर्ण रूप से तैयार होने पर यह संस्थान न केवल अग्रणी शिक्षण संस्थान के रूप में उभरेगा बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र होगा। उन्होंने कहा कि यह संस्थान परिसर नियुक्तियों में बेहतर कार्य कर रहा है। भविष्य में यह संस्थान क्षेत्र में प्रबन्धन शिक्षा का एक गुणात्मक संस्थान बनकर उभरेगा।
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि यह संस्थान प्रदेश के मेहनती युवाओं के कौशल को निखारने का अवसर प्रदान करने में मील का पत्थर साबित होगा। इस संस्थान को क्षेत्र का बेहतर संस्थान बनाने के लिए केन्द्र सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी। संस्थान द्वारा शुरू किए गए पाठ्यक्रम विद्यार्थियों के लिए सहायक सिद्ध होंगे। बेहतर प्रबन्धन सफलता का मूल मंत्र है और यह संस्थान प्रदेश में उपलब्ध प्रतिभा के बेहतर प्रबन्धन में मददगार साबित होगा।
रमेश पोखरियाल ने कहा कि प्रदेश के पर्यटन, ऊर्जा, उद्योग, इको-टूरिजम आदि प्राकृतिक संभावनाओं के प्रभावी प्रबन्धन में यह संस्थान वरदान साबित होगा। नई शिक्षा नीति भारत को विश्व गुरू का पुराना गौरव हासिल करने में सहायक होगी। हमारे देश के आईआईएम और आईआईटी संस्थान विश्व के सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों में एक एक हैं। नई शिक्षा नीति से यह सुनिश्चित होगा कि विद्यार्थी देश में ही गुणात्मक शिक्षा हासिल कर सकें और इससे उच्च शिक्षा के लिए विद्यार्थियों का दूसरे देशों को निर्गमन रूकेगा।
केन्द्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने कहा कि यह आईआईएम निश्चित रूप से आने वाले वर्षों में प्रबंधन के एक सर्वोत्तम संस्थान के रूप में उभरेगा। यह संस्थान देश के बेहतरीन विद्यार्थियों को उभारने के पर्याप्त अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि संस्थान में शुरू किए जाने वाले पर्यटन और आतिथ्य के पाठ्यक्रम निश्चित रूप से क्षेत्र के युवाओं को राज्य के पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र का पूरी तरह से दोहन करने में मदद करेंगे।
केन्द्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि आईआईएम केंद्र सरकार से राज्य और विशेष रूप से सिरमौर जिले के लिए बड़ा उपहार है। उन्होंने नई शिक्षा नीति के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा यह शिक्षा को अधिक रोजगार और स्व-रोजगार उन्मुख बनाने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले दस वर्षों में धौला कुंआ स्थित आईआईएम देश का प्रमुख संस्थान बन जाएगा।
इस अवसर पर बोर्ड ऑफ गवर्नर के अध्यक्ष अजय एस.श्रीराम ने मुख्यमंत्री, केंद्रीय शिक्षा मंत्री और अन्य गणमान्य लोगों का स्वागत किया।
निदेशक आईआईएम सिरमौर नीलू रोहमित्रा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर, सांसद सुरेश कश्यप, विधायक डॉ. राजीव बिंदल, राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष बलदेव तोमर मौके पर उपस्थित थे।
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