संघर्ष समिति ने लगाया बांध प्रबंधन पर गुमराह करने का आरोप
News portals-सबकी खबर (संगड़ाह)
गिरी नदी पर बनने वाले 26 किलोमीटर लंबे रेणुकाजी बांध से विस्थापित होने करीब 1142 परिवारों में बांध प्रबंधन द्वारा पिछले 12 वर्ष से मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध न करवाए जाने से नाराजगी है। विस्थापित होने वाले किसानों द्वारा गठित संघर्ष समिति के अध्यक्ष योगेंद्र कपिला तथा अन्य पदाधिकारियों ने यहां जारी बयान में कहा कि, बांध के लिए भूमि अधिग्रहण किए जाने के बाद से उन्हें लगातार डेम मैनेजमेंट अथवा सरकार द्वारा उन्हें गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि, सरकार द्वारा वर्ष 2008 में सेक्शन-4 लागू कर जबरन उनकी भूमी अधिग्रहण किए जाने के बाद से डूब क्षेत्र में कानून सड़क, पेयजल योजनाएं व मनरेगा जैसे विकास कार्य रुक गए है।
इसके बाद न तो आर एंड आर प्लान के मुताबिक उनके पुनर्वास के लिए जमीन उपलब्ध करवाई गई, न ही मकान बनाने के लिए निर्धारित राशि जारी हुई, न रोजगार दिया गया और न ही पहचान पत्र जारी किए गए। उन्होंने कहा कि, विस्थापितों के लिए पांवटा व पच्छाद आदि क्षेत्रों में चयनित भूमि में घपला होने व पूर्व प्रदेश सरकार द्वारा इसकी विजिलेंस जांच करवाए जाने के बाद विस्थापितों के पुनर्वास का मामला ठंडे बस्ते में पड़ गया। दिल्ली को 23 क्युमेक्स पानी व हिमाचल को 40 मेगावाट बिजली उपलब्ध करवा सकने वाले इस बांध के विस्थापितों द्वारा उपमंडल संगड़ाह के जबलोग गांव में भी पुनर्वास के लिए भूमि सुझाई गई थी, मगर प्रशासन द्वारा उक्त भूमि का अधिग्रहण नहीं किया गया। गौरतलब है कि 26 किलोमीटर लंबा यह बांध संगड़ाह-रेणुकाजी-नाहन मार्ग का करीब 7 किलो मीटर हिस्सा निगल जाएगा जाएगा, जिससे उपमंडल संगड़ाह व चौपाल से नाहन वह चंडीगढ़ की दूरी लगभग सात किलोमीटर बढ़ जाएगी।
विडंबना यह भी है कि, वैकल्पिक सड़क के लिए न तो अब तक बजट का प्रावधान हो सका है और न ही भूमी अधिग्रहण की गई है। पिछले एक दशक से गिरी नदी में गर्मियों में मात्र 5 क्यूमेक्स के करीब पानी रहने से दिल्ली को 23 क्युमेक्स पानी उपलब्ध करवाने पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं।हालांकि बांध प्रबंधन के अनुसार 26 किलोमीटर के रिजर्वायर में बरसात अथवा बाढ़ का पानी इकट्ठा होने से नदी का जलस्तर काफी बढ़ेगा, मगर ऐसे में डेम खाली किए जाने पर गर्मियों में विद्युत उत्पादन घटेगा। विस्थापित समिति पदाधिकारियों ने कहा कि, फिलहाल कि, फिलहाल वह कोरोना काल व जिला प्रशासन की एसओपी के चलते चुप हैं, मगर जल्द उक्त मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। गौरतलब है कि, रेणुकाजी बांध के डूब क्षेत्र में आने वाली 17 पंचायतों में से 10 अकेले विकास खंड संगड़ाह की है। रेणुकाजी बांध के वरिष्ठ प्रबंधक सुनील गुप्ता ने कहा कि, विस्थापितों को आर एंड आर प्लान के मुताबिक सभी सुविधाएं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि, विस्थापितों की संशोधित सूची तैयार की जा रही है और 8 पंचायतों की लिस्ट नोडल अधिकारी एवं उपायुक्त सिरमौर को भेजी जा चुकी है।
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