न्यूज पोर्टल्स: सबकी खबर
माजरा पंचायत के ग्राम मेंलियो निवासी गायक मनोज कुमार (संगीत) भजन गायकी की दुनिया में खूब नाम कमा रहे हैं। भजन गायकी से चंडीगढ़ से मुंबई तक पहचान बना चुके हैं। आधुनिक दिखावे से दूर, बेहद शालीन व मिलनसार स्वभाव के धनी गायक हैं। भजन
सम्राट अनूप जलोटा जैसे प्रख्यात कलाकारों में साथ गीता सार भजनों में आवाज दे चुके हैं।
भजन के ऑडियो व वीडियो आ चुकी है। अब वीरवार, 25 अप्रैल को सुबह 8.25 बजे से दिव्य धार्मिक चैनल में लाइव नजर आएंगे।
चुपचाप अपने लक्ष्य की तरफ़ बढ़ने वाले इस कलाकार से न्यूज पोर्टल्स : सबकी खबर ने एक्सक्लुसिव बातचीत की। भजन गायक मनोज कुमार ने कहा कि मूल रूप से पांवटा की माजरा पंचायत के मेंलियो गांव से है। काफी अर्से से चंडीगढ़ रहेते आ रहे हैं। लोगों ने शिव भजन शंकर डमरु भजन को खूब पसंद किया था। शुरू से ही भजन गाने को पसंद करते हैं। संगीत के क्षेत्र में अपने गुरु डॉ राजकिशन कल्याण को मानते हैं।
जिनसे संगीत के प्रारंभिक शिक्षा ली है। 2009 में अनूप जलोटा भजन सम्राट के साथ काम करने का मौका मिला। गीता सार भजनों को लोगों ने काफी पसंद किया था। शंकर डमरू वाला भजन आज भी सोशल मीडिया में पसंद किया जा रहा है।
न्यूज पॉर्टल्स के एक सवाल पर की अच्छी आवाज होने के बाद भजन गाने ही ज्यादा प्राथमिकता क्यों? इसके जवाब में भजन गायक मनोज ने की भक्ति रस में डूब जाने में अलग ही आनंद है। एक अलग ही भक्तों।का नशा होता हैं। जो आनंद से मन को भीतर तक
सराबोर कर देता है। मानसिक सुकून मिलता है। आजकल की सुर्खियों में रहने की दुनियां से दूर रहकर आप अलग मुकाम कैसे बना सकते हैं? इसके जवाब में मनोज ने कहा कि गुरुजी कहते हैं कि आप लग्न से अपने काम मे लग जाओ। संगीत की दुनियां , विशेष कर भक्ति रस में ये चाहत ज्यादा नही रहती हैं। इसलिए इतने समय से भजन गाने के बाद भी बहुत कम अपने गृह क्षेत्र माजरा के लोगों को भी पता होंगा। की उनका कोई अपना कई सालों से चंडीगढ़ में भजन संगीत से जुड़ा हुआ है।
भजन गायक मनोज से उनकी आगामी।योजनाओं व प्रोजेक्ट बारे पूछा गया। तो उन्होंने कहा कि देवभूमि हिमाचल व उत्तराखंड में भजन अलबम की शूटिंग होगी। जिसके लिए लोकेशन तलाशी जा रही है। धार्मिक स्थलों पर हरिपुरधार, श्री रेणुका जी, सहस्रधारा व चूड़धार जैसे धार्मिक स्थानों पर शूटिंग पर विचार हो रहा है। भजन की वीडियो भक्तों के लिए बेहतर लोकेशन तलाशी जा रही है।
अब तक के सबसे बेहतरीन अपना भजन कौन से लगता हैं? मनोज कुमार ने बताया कि सबसे ज्यादा खुद को पसंद भजन शिव शंकर डमरू वाले रहा है। अन्य क्षेत्रों ब भाषाओं कें गीत में कितनी पकड़ है? मनोज ने कहा कि भजन गाना तो आज भी सबसे ज्यादा पसन्द है। इसके अलावा गजल, हिंदी व पंजाबी गीत गाते है।
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