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गिरिपार में ग्रमीण क्षेत्रों में किसानों की नकदी फसलो कि ओर अधिक रुझान बड़ रहा है । क्षेत्र मैं इस बार किसानों द्वारा करीब 14लाख टमाटरके पौधे लगाए जा चुकी है । जिसमे से अकेला मस्तभोज क्षेत्र की तीन पंचायतो में करीब 3 लाख बरसाती टमाटर का लगया गया है क्षेत्र के किसानों हर साल टमाटर के बाजार से मिल रहे अछे रेट से किसान बेहद खुश है जिसके चलते किसानो ने इस बार बड़े पैमाने पर टमाटर की फसल को लगाया गया है | क्षेत्र में नगदी फसल को बढ़ाव देने के लिये पढे लिखे बेरोजगार नोजवान भी अपनी अहम भूमिका दे रहे है | नोजवान आधुनिक तकनीकी खेती , व उत्तम क्वलिटी के बीज का उपयोग कर के अपने मुख्य व्यवसाय बना रहे है यदि समय रहते मौसम ने साथ दिया तो इस बार किसानों को 10 लाख टन टमाटर की होने की आशंका जताई जा रही है, जिस से किसानों की तकदीर बदल जाएगी | हालांकि क्षेत्र में समय पेरशानियों का सामना करना पड़ सकता है लेकिन सिचित क्षेत्रो में किसानों द्वारा पौधा रोपन गए है
जानकारी के अनुसार गिरिपार क्षेत्र के मस्तभोज,सातोंन,कांटी मशवा,कमरोऊ,बल्दवा,शमह, दुगना,कफोटा,शिल्ला ,डाबरा, चयोउ, टिम्बी, मिला ,शिलाई , द्रविल,रोनाहट, आदि क्षेत्रों में किसानों ने टमाटर की फसल लगा जा चुकी है | जिसमे किसानों में होड़ मची हुई है इस बार किसानों को करीब 10 लाख टन टमाटर की फसल होने की उमीद है | पहले किसान अपनी सदियों से चली आ रही परम्परा फसलो जैसे मका,गेहू,तक ही समित थे लेकिन अब की इन परम्परित फसलो के अलावा लहसुन,मिर्च अदरक मटर, तथा टमाटर की फसलों को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है ।
नवयुक किसानों का मनना है कि नकदी फसलों से उनकी आमदनी में काफी बढ़ोतरी हुई हे | नकदी फसलों में कम समय मे अछि आमदनी प्राप्त कर सकते है,ताकि किसान अपना परिवार को को रोटी का प्रबंध कर सकते है | क्षेत्र के टमाटर उत्पादन किसान अमित कुमार,ओमप्रकश ,,सुंदर सिंह,प्रताप सिंह ,नेन सिंह, सोभा राम, द्वेंदर ,दलीप सिंह ,कर्म सिंह,रमेश चौहान ,बलवीर सिंह , कुलदीप सिंह,संदीप सिंह, आदि सेकड़ो किसान युवाओ ने बताया की उनका सारा ध्यान अब टमाटर की फसल की ओर है |
मई ओर जून महा में फसल फल देने के लिए शुरू कर देंगे, तब वह अपने फसल टमाटर को दिल्ली ,देहरादून,करनाल,यमुनानगर आदि सब्जियों की मंडी में भेजना शुरू कर देंगे | उन्होंने बताया कि कुछ बहार के टमाटर के खरीदार ठेकेदार देहली ओर करनाल ओर अन्य मंडियों से यहाँ आकर अछे दाम देकर तैयार माल को गांव से ही ले जाते है | जिससे कि हमारा समय बच जाता है और बचा हुवा समय हम अपने खेतो पर लगी फसलो पर लगाते है | ऐसे में किसनो को अच्छी सुविधा भी मिल रही हे |
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