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November 24, 2024

राजस्व दस्तावेजों में दुरुस्त होगा गिरीपार की कनैत जाति का रिकॉर्ड ,डीआरओ सिरमौर ने तहसीलदारों को जारी किए आदेश

News portals-सबकी खबर (संगड़ाह)

जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र की 132 पंचायतों में रहने वाले कनैत जाति के हजारों परिवारों को जल्द राजस्व रिकॉर्ड में फिर से राजपूत की जगह कनैत दर्शाया जाएगा। जिला राजस्व अधिकारी नारायण सिंह चौहान द्वारा इस बारे सिरमौर के सभी तहसीलदारों को आदेश जारी किए गए हैं। उक्त आदेशों की प्रति संगड़ाह, राजगढ़, शिलाई व पांवटा आदि के एसडीएम के अलावा खश-कनैत समिति के भी जारी की गई है।

दरअसल खश कनैत समिति ने 1955 में नियमों को अनदेखी कर उनकी जाति को राजपूत दर्ज किए जाने की शिकायत मुख्यमंत्री से की थी। वर्ष 1931 में जहां राजस्व अभिलेख में उक्त जाति को कनैत दर्शाया गया था, वहीं 1955 में राजपूत दर्ज किया गया। उक्त जाति से संबंध रखने वाले गिरिपार वासियों को जानकारी के अनुसार निकट भविष्य में आरक्षण संबंधी सुविधा भी मिल सकती है। गौरतलब है कि, गिरिपार क्षेत्र के लोग वर्ष 1967 से जनजातीय दर्जे की मांग कर रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक देश के बंगाल, आसाम व उत्तराखंड आदि राज्यों में खश जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त है। जिला राजस्व अधिकारी द्वारा हाल ही में जारी आदेश पत्र में कहा गया है कि, जिस तरह गिरिपार की भाट ब्राह्मण जाति को फिर से ब्राह्मण की जगह भाट दर्शाया गया है, उसी तरह कनैत जाति का भी अभिलेख में दुरुस्त किया जाए।

उधर जिला भाट-ब्रहम्ण समिति के जिला अध्यक्ष उदय राम भारद्वाज ने आदेशों के बावजूद गिरीपार के उपमंडल संगड़ाह, शिलाई व राजगढ़ आदि की कुछ पंचायतों में भाट जाति के लोगों को राजस्व रिकार्ड में ब्राह्मण ही रखे जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने इस बारे तहसीलदार संगड़ाह को भी ज्ञापन सौंपा। तहसीलदार संगड़ाह आत्माराम नेगी ने कहा कि, वह अभी कार्यालय से बाहर है तथा भाट-ब्राह्मण समिति के ज्ञापन तथा जिला राजस्व अधिकारी द्वारा भेजे गए कनैत जाति संबंधी पत्र पर कल विस्तृत जानकारी दे पाएंगे।

गिरिपार खश-कनैत समिति के महासचिव हरदेव वर्मा तथा हाटी समिति के अध्यक्ष डॉ अमी चंद कमल ने बताया कि, उक्त समितियों द्वारा सरकार व प्रशासन से पटवारी व कानूनगो के माध्यम से गांव-गांव में जाकर कनैत जाति से संबंध रखने वाले सभी परिवारों का रिकॉर्ड दुरूस्त करने की अपील की गई है। उन्होंने कहा कि, इस बारे संतोषजनक कार्यवाही न होने की सूरत में समिति प्रदर्शन भी कर सकती है।

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