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कोरोना महामारी के चलते जयराम सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। तय हुआ कि जिन कर्मियों ने सरकारी टूर या स्टेशन छोड़ने की अनुमति के साथ छुट्टी ली, लेकिन कोविड-19 के चलते 23 मार्च को लगाए गए लॉकडाउन के चलते तय समय पर ड्यूटी ज्वाइन नहीं कर पाए, उन्हें गैरहाजिर नहीं, बल्कि ऑन ड्यूटी माना जाएगा। कार्मिक विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव कार्मिक आरडी धीमान की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किए गए।
कार्मिक विभाग की इस राहत के बीच उन अधिकारियों-कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ना तय हैं, जिन्होंने बिना अनुमति स्टेशन छोड़ा था। लॉकडाउन में जब कर्मचारियों-अधिकारियों को कार्यालय बुलाया, तो उनके आउट ऑफ स्टेशन होने की जानकारी मिली थी, जबकि सरकारी नियमों में बिना अनुमति स्टेशन नहीं छोड़ा जा सकता। ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए कार्मिक विभाग पहले ही विभागीय अधिकारियों को निर्देश जारी कर चुका है।
प्रथम और द्वितीय श्रेणी के वे अधिकारी जो 23 मार्च को लॉकडाउन से पहले स्टेशन लीव की अनुमति लेकर छुट्टी पर गए, लेकिन तीन मई को लॉकडाउन खत्म होने तक नहीं लौट सके, उन्हें भी छुट्टी खत्म होने की तिथि से ड्यूटी पर माना जाएगा। तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए 31 मई तक छुट्टी खत्म होने की तिथि से नौकरी में ज्वाइन माना जाएगा। हालांकि मेडिकल आधार पर छुट्टी पर जाने वालों को मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट देना होगा। वे सरकारी कर्मी जो 21 मार्च को मुख्यालय छोड़कर गए, लेकिन लॉकडाउन के दौरान परिवहन व्यवस्था न होने से वापस नहीं आ पाए, उन्हें भी 23 मार्च से ज्वाइन माना जाएगा। बता दें कि सचिवालय से लेकर प्रदेशभर के सरकारी कार्यालयों में तैनात अधिकारी कर्मचारी इस समस्या से जूझ रहे थे, क्योंकि 2 से 3 महीने की छुट्टियां उनके खाते से कटनी थीं। अब सरकार के नए फैसले से इन्हें राहत मिली है।
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