News portals-सबकी खबर (शिमला ) जयराम ठाकुर ने कहा कि एक साल के कार्यकाल में सरकार के पास बताने के लिए कुछ भी नहीं हैं। एक घंटा पाँच मिनट के अभिभाषण में सरकार अपनी एक भी उपलब्धि नहीं बता पाई है। आज तक के इतिहास में हिमाचल ने ऐसी सरकार नहीं हुई है, जिसने प्रदेश को विकास की उल्टी दिशा में ले जाने का काम किया हो। आज जहां पर जाओ हर जगह लोग सड़कों पर बैठे हैं और सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं। यह हाल विधान सभा से लेकर सचिवालय, मुख्यमंत्री कार्यालय एवं आवास, ज़िला तहसील और ब्लॉक मुख्यालय पर लोग सरकार के ख़िलाफ़ सड़कों पर खड़े हैं। एक साल में ऐसी स्थित में सरकार आ गई है। कांग्रेस द्वारा दी गई झूठी गारण्टियां ही कांग्रेस सरकार के सच में सत्ता से बाहर जाने की गारंटी हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार कहती थी हर जगह से वह रेवेन्यू जनरेट करेंगी लेकिन हर विभाग और संस्था का भट्ठा बिठा दिया। हर विभाग में घटा कहीं पर कोई काम नहीं। विकास के सारे काम ठप पड़े हैं। बस सरकार हर महीनें क़र्ज़ पर ले रही है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने नौकरियां देने का वादा किया था लेकिन यह सरकार भर्तियां रोक कर बैठी हुई है। नौकरियां देने वाले कर्मचारी चयन आयोग को बंद कर दिया है। सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि सभी भर्तियों को कैंसिल कर दिया जाए। कांग्रेस सरकार की यह असलियत हैं। एक लाख नौकरी का वादा करके एक भी नौकरी न देना यह बताता है कि सरकार न प्रदेश के विकास लिए गंभीर हैं न युवाओं के भविष्य के लिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर व्यवस्था का बुरा हाल है। इस सरकार से हर कोई दुखी है और सरकार का नारा है दुःख की सरकार।
जेओए आईटी के अभ्यर्थियों से मिले नेता प्रतिपक्ष
जेओए आईटी के परीक्षा परिणामों की के घोषित करने के लिए धरने पर बैठे परीक्षार्थी नेता प्रतिपक्ष से मिलने विधानसभा पहुंचे। जयराम ठाकुर ने उनकी आवाज़ को विधानसभा में पुरज़ोर उठाने का आश्वासन दिया। सदन से सड़क तक चलेगा संघर्ष, हर नाकामी को विधानसभा में उठाएगी सरकार विधायक दल की बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह सरकार चाहती है कि विपक्ष उनकी नाकामियों पर ख़ामोश रहे, उनकी चालाकियों को अनदेखा कर दे। उनके बोले झूठ को भूल जाए और जनता से इस बारे में कोई बात न करे। तो सरकार भी कानखोल कर सुन ले कि हम न सरकार को उनकी नाकामियों को भूलने देंगे और न ही भागने देंगे। उनकी हर एक चाल और झूठ को बेनक़ाब करते रहेंगे। अब यह लड़ाई सदन से सड़क तक चलती रहेगी।
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