Breaking News :

मौसम विभाग का पूर्वानुमान,18 से करवट लेगा अंबर

हमारी सरकार मजबूत, खुद संशय में कांग्रेस : बिंदल

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 7.85 करोड़ रुपये की जब्ती

16 दिन बाद उत्तराखंड के त्यूणी के पास मिली लापता जागर सिंह की Deadbody

कांग्रेस को हार का डर, नहीं कर रहे निर्दलियों इस्तीफे मंजूर : हंस राज

राज्यपाल ने डॉ. किरण चड्ढा द्वारा लिखित ‘डलहौजी थू्र माई आइज’ पुस्तक का विमोचन किया

सिरमौर जिला में स्वीप गतिविधियां पकड़ने लगी हैं जोर

प्रदेश में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निवार्चन के लिए तैयारियां पूर्ण: प्रबोध सक्सेना

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस ने किया ओएनडीसी पर क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन

इंदू वर्मा ने दल बल के साथ ज्वाइन की भाजपा, बिंदल ने पहनाया पटका

November 22, 2024

सरकार सुध लो…अरुणाचल में 3 माह से लापता 22 वर्षीय सिरमौर निवासी फौजी।

News portals- सबकी खबर (पांवटा साहिब)

हिमाचल प्रदेश की भाजपा सरकार दो साल के जश्न में व्यस्त है । लाखों रुपए खर्च कर जश्न मनाने की तैयारी हो रही है, लेकिन सूबे के सिरमौर जिले के शिलाई उपमंडल के शखोली गांव का 22 वर्षीय जवान तीन महीने से लापता है। सरकार ने अब उसके परिवार की सुध नहीं ली है । परिवार और स्थानीय लोग जवान भरत की सलामती की दुआ मांग रहे हैं । लेकिन सरकार सब कुछ जानने बावजूद खामोश है ।

शहीदों और सैनिकों को लेकर सरकारें राजनीतिक रोटियां सेंकती हैं । लेकिन हैरानी की बात है कि शिलाई उपमंडल के शखोली गांव का 22 वर्षीय फौजी भरत सिंह पुत्र तीन महीने से लापता है। 17 सितंबर 2019 को भरत के पिता को मोबाइल पर अरुणाचल प्रदेश के बोरोपक आर्मी कैंप से कॉल आई कि भरत कमांडो ट्रेनिंग के दौरान पुल के ऊपर से नदी में गिरकर बह गया हैय उस दिन के बाद से भरत की कोई खबर नही है। परिवार हल पल भरत की सलामती की दुआ मांग रहा है । परिवार ने हिमाचल सरकार से भी मदद की गुहार लगाई, मगर सरकार अब तक खामोश है । दूसरी मर्तबा गांव के युवाओं का प्रतिनिधिमंडल डीसी सिरमौर से नम आंखों को लेकर भरत की तलाश की गुहार लगाने पहुंचा।


जवान के बड़े भाई बलवीर शर्मा ने बताया कि 17 अक्टूबर को ही सेना की तरफ से परिवार को लापता होने की सूचना मिली थी । उसके बाद परिवार को किसी किस्म की सूचना ना तो सेना की तरफ से और ना ही सरकार की तरफ से मिल पाई है, जिससे परिजन बेहद चिंतित है । उन्होंने राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई है। गौरतलब हो कि तीन महीने बीत जाने के बाद परिवार का ढांढस बंधाने के लिए सरकार को कोई भी बड़ा नुमाइंदा घर नहीं पहुंचा है। बता दे कि जिले के शखोली गाँव से तालुक रखने वाले 22 वर्षीय भरत सिंह डेढ़ साल पहले ही सेना में भर्ती हुआ था।

Read Previous

नागरिकता कानून के समर्थन में पांवटा साहिब में उमड़ा जनसैलाब ।

Read Next

गांव घरडियां में बालिका जन्मोत्सव बाल विकास परियोजना के तहत बांटे बच्चों के गर्म कंबल और मिठाइयां ।

error: Content is protected !!