News portals-सबकी खबर (रेणुकाजी)
अंतरराष्ट्रीय Mela Renukaji के समापन समारोह की अध्यक्षता मंगलवार को Governor of Himachal Pradesh राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने की। गत 3 नवंबर से शुरू हुआ यह मेला व्यापारियों के अनुसार इस बार भीड़ न जुटने के चलते फीका रहा। आचार संहिता के चलते इस बार शुभारंभ समारोह में Chief Minister के न आने, सरकारी बसों व सुरक्षा बलों की कमी तथा पिछले कुछ साल में Sirmaur District Administration द्वारा मेलार्थियों की मूलभूत सुविधाओं व परम्पराओं की तरफ खास ध्यान न दिया जाना यहां भीड़ कम होने के कारण समझे जा रहे हैं। इस बार यहां Police अथवा सुरक्षाबलों की तैनाती पहले से आधे से भी कम अथवा 400 की वजाय डेढ़ सौ के करीब बताई गई। मेले में लगी 400 के करीब छोटी-बड़ी दुकानों मे से अधिकतर कारोबारियों अनुसार वह घाटे से बचने अथवा मुनाफे की उम्मीद में 2-4 दिन और यहां रहकर कमाई करने के इच्छुक है। मेला व्यापारी सुरेश, रहमान, रमेश कुमार, अनिल, चिंटु, विजेंद्र, अखिल व आफताब आदि ने बताया कि, इस बार Corona बंदिशों में पूरी छूट के बावजूद कम खरीदारी हुई। मेला व्यापारियों के अनुसार उद्घाटन समारोह, एकादशी स्नान तथा समापन समारोह के दौरान लोग आम दिनों से ज्यादा रहे, मगर पहले जैसी भीड़-भाड़ न होने खरीदारी न होने से कमाई नहीं हो पाई। मेले मे HRTC द्वारा इस बार 1 भी बस अन्य डीपो से नहीं मंगवाई गई और Buses पहले से लगभग आधी रही। निगम के मेला प्रभारी सुखराम ने के अनुसार HRTC द्वारा नाहन डीपो की ही 12 अतिरिक्त बसें लगाई गई थी और कुल आमदनी का पता कल तक लग सकेगा। DC सिरमौर अथवा रेणुकाजी विकास Board Chairman की ओर से प्लॉट आवंटन, चढ़ावा व स्मारिका से हुई इनकम का व्यौरा दिया जाना अभी शेष है, हालांकि आम तौर पर कुल कमाई 1 करोड़ के आसपास रहती है।इस राज्स्व का बड़ा हिस्सा सांस्कृतिक संध्याओं व नेताओं, अधिकारियों अथवा VIP की खातिरदारी पर खर्च होता है और इस बार Election Code of Conduct के चलते Chief Minister व नेताओं के न आने के चलते केवल नौकरशाही की खातिरदारी हुई। गौरतलब है कि, 1982 में रेणुकाजी बोर्ड के गठन तथा मेले का आयोजन प्रशासन अथवा DC Sirmaur द्वारा करवाए जाने के बाद यहां प्लॉट आवंटन से हर साल ज्यादा कमाई की कोशिश के चलते डेरा परंपरा को समाप्त किया जा चुका है। सदियों से भगवान परशुराम के मां रेणुकाजी से मिलने के आने के अवसर पर आयोजित होने वाले इस धार्मिक मेले को प्रशासन द्वारा पहले सांस्कृतिक और फिर व्यापारिक रूप देने की कोशिश की गई। 90 के दशक मे यहां मेला मैदान में गिरिपार व उत्तराखंड के भगवान परशुराम व रेणुका माता में आस्था रखने वाले ग्रामीणों को डेरे कहलाने वाले झोंपड़ी नुमा टेंट के लिए जगह न दिए जाने के बाद Dera Tradition समाप्त होने के बाद श्रदालुओं अथवा मेलार्थियों की संख्या घटती गई।इसके अलावा किसी DC ने यहां पुरुषों की तो किसी ने महिलाओं की खेलकूद प्रतियोगिता की रिवायत शुरू की और स्थानीय बोली में ज्ञास से पोनीयों तक चलने वाले इस धार्मिक पर्व की मौलिकता की ओर खास ध्यान नहीं दिया। देव परंपराओं से छेड़छाड़ के बाद यहां युवा पीढ़ी की आस्था व व्यापार धीरे-धीरे कम होने लगे। Bhagwan Parshuram की पालकी को विदा करने की परम्परा निभाते हुए राज्यपाल ने मंगलवार को मेले का समापन किया। इस बार राज्यपाल का Renu Manch पर समापन भाषण दिन की वजाय रात को हुआ, जिसका 1 कारण चंद्रग्रहण बताया गया। अपने संबोधन में Governor राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि, रेणुकाजी मेला भगवान परशुराम का अपनी माँ के प्रति श्रद्धा और भक्ति की अभिव्यक्ति है। यह भारतीय समाज के समृद्ध मूल्यों का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि, मेले और त्यौहार राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत हैं और इन्हें हर कीमत पर संरक्षित किया जाना चाहिए। उन्होंने मेले के सफल आयोजन के लिए लोगों को बधाई दी और कहा कि माता रेणुकाजी के प्रति अपनी धार्मिक आस्था है तथा प्रदेश और देश के विभिन्न स्थानों से लोग यहां दर्शन करने आते हैं।उन्होंने भगवान परशुराम और माता रेणुकाजी के मंदिरों में पूजा की और ‘देव विदाई’ समरोह भी भाग लिया। इसके उपरांत राज्यपाल ने पूर्व सैनिक संगड़ाह और स्पोर्ट्स क्लब शिलाई के बीच खेले गए अंतिम कबड्डी मैच को भी देखा जिसे शिलाई टीम ने जीता। उन्होंने मेले के दौरान आयोजित खेलकूद प्रतियोगिताओं में विजेता टीमों को पुरस्कार भी प्रदान किए, जिसमें महिला बैडमिंटन प्रतियोगिता में सतौन की कशिश प्रथम उपविजेता रहीं, जबकि स्वाति विजेता रहीं। पुरुष वॉलीबाल में सेनधार प्रथम उपविजेता रहे और AKM ददाहू विजेता टीम रही। उपायुक्त एवं अध्यक्ष श्री रेणुकाजी विकास बोर्ड, राम कुमार गौतम ने राज्यपाल का स्वागत किया और मेले के समापन समारोह की अध्यक्षता करने के लिए उनका आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर SP रमन कुमार मीणा व रेणुका विकास बोर्ड के पदाधिकारियों सहित क्षेत्र के गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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