News portals-सबकी खबर (संगड़ाह ) सिरमौर जिला के Giripaar क्षेत्र में यूं तो हिंदुओं के कईं मुख्य त्यौहार अलग अंदाज में मनाएं जाते हैं, मगर क्षेत्र में मनाई जाने वाली गुगावल पर भक्तों द्वारा खुद को कौरड़े कहलाने वाली लोहे की जंजीरों से पीटे जाने की धार्मिक परंपरा काफी खतरनाक व रोमांचक समझी जाती है। गोगा नवमी की पूर्व संध्या पर माड़ी कहलाने वाले एक मंजिला गूगा मंदिरों में भक्ति गीतों के साथ शुरू होने वाला उक्त पर्व नवमी की शाम सूरज ढलने तक परंपरा के अनुसार मनाया जाता है। सिरमौर जिला के उपमंडल संगड़ाह, शिलाई व राजगढ़ की 150 के करीब पंचायतों में कल गुगावल अथवा गूगा नवमी धार्मिक उत्सव से मनाया जाएगा। उपमंडल संगड़ाह के घाटों गांव में यह त्योहार आज 1 दिन पहले ही मनाया गया, जिसका कारण कल ग्रामीणों अथवा गोगा भक्तों का साथ लगते टिक्कर गांव में आयोजित होने वाले शांत धार्मिक अनुष्ठान के लिए जाना बताया जा रहा है।
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