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स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना पॉज़िटिव को नेगेटिव और नेगेटिव को पॉज़िटिव बता दिया। हालांकि एक ही नाम और एक ही उम्र के तीन लोगों के सैंपल एक साथ जांच के लिए भेजे जाने के चलते इस तरह की कोताही सामने आई है जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों के सैंपल आईजीएमसी शिमला जांच के लिए भेजे गए थे। शाम के समय जब रिपोर्ट आई, तो 35 वर्षीय व्यक्ति को कोरोना वायरस से संक्रमित बताया गया। जो कि बिलासपुर शहर के औद्योगिक क्षेत्र बिहार राज्य से पहुंचा हुआ था और होम क्वारंटाइन था। साथ सरकार व प्रशासन द्वारा बनाए गए नियमों का पालन कर रहा था, लेकिन इस व्यक्ति की रिपोर्ट असल में नेगेटिव थी। जो व्यक्ति पॉजिटिव था
वह कोई अन्य व्यक्ति था, जो कि घुमारवीं क्षेत्र से संबंधित था। एक ओर जहां स्वास्थ्य विभाग की कोताही का खामियाजा कई लोगों को भुगतना पड़ेगा, वहीं, स्वास्थ्य विभाग की इस कोताही का खामियाजा पॉज़िटिव बताए गए व्यक्ति को भी भुगतना पड़ा है। स्वास्थ्य विभाग की मानें, तो जो व्यक्ति पॉज़िटिव था, उस व्यक्ति को कोविड-19 केयर सेंटर शिफ्ट नहीं किया गया था। कन्फूयजन होने के चलते होल्ड पर रखा गया था। हालांकि अधिकतर तौर पर किसी व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद व्यक्ति अपने परिवार के अलावा सामाजिक तौर पर लोगों से मेलजोल शुरू कर देता है, लेकिन रिपोर्ट में इस तरह की कोताही सामने आना लोगों में चर्चा बना हुआ है।
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जो व्यक्ति पॉज़िटिव है, उस व्यक्ति को ट्रेसआउट कर लिया गया है। अब उसे उपचार मुहैया करवाया जाएगा। सीएमओ डा. प्रकाश दरोच का कहना है कि बिलासपुर शहर के औद्योगिक क्षेत्र से संबंधित कोई मामला पॉज़िटिव नहीं है। किसी अन्य व्यक्ति की रिपोर्ट पॉज़िटिव थी, जिसे ट्रेस आउट कर लिया गया है। वहीं, सर्विलेंस ऑफिसर प्रविंद्र सिंह ने कहा कि रिपोर्ट को लेकर कन्फ्यूजन होने के चलते स्थिति स्पष्ट हुई है। एक ही उम्र और एक ही नाम के तीन लोग होने के चलते कन्फ्यूजन हुआ था, लेकिन अब स्थिति स्पष्ट हो चुकी है।
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