News portals-सबकी खबर (नई दिल्ली)
देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में 678 नए केस सामने आने से कुल मामले बढ़कर 6412 हो चुके हैं। इनमें से 503 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 199 की मौत हो चुकी है। हालांकि, राहत की बात यह है कि देश में अभी कम्युनिटी ट्रांसमिशन की स्थिति नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि देश में अभी कम्युनिटी ट्रांसमिशन की स्थिति नहीं है, लेकिन सतर्कता जरूरी है। देश में टेस्टिंग की रफ्तार भी तेजी से बढ़ी है और अब कुल 213 लैब काम कर रही हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पर्याप्त संख्या में टेस्ट किए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय में ज्वाइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने बताया कि जनवरी में हमने एक लैब से काम शुरू किया, उसे बढ़ाकर 15 पहुंचाया और अब 146 सरकारी लैब और 67 प्राइवेट लैब हैं, जिनके 16 हजार से ज्यादा कलेक्शन सेंटर हैं। उन्होंने बताया कि जनवरी में हम रोजाना 100 टेस्ट कर रहे थे, लेकिन गुरुवार को हमने 16002 टेस्ट किए। इनमें से करीब दो प्रतिशत केस ही पॉजिटिव आए हैं, यानी संक्रमण की दर बहुत ज्यादा नहीं है। उन्होंने कहा कि मलेरिया के इलाज में काम आने वाली दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को कोरोना के इलाज में भी कारगर माना जा रहा है।
भारत बड़े पैमाने पर इस दवा का निर्माण करता है, लिहाजा तमाम देशों की तरफ से भारत से इस दवा की मांग का सिलसिला जारी है। भारत ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन बाद में यह प्रतिबंध हटा लिया। अब ऐसी आशंकाएं उठ रही हैं कि क्या निर्यात के बाद भारत के पास अपनी जरूरत भर की यह पर्याप्त दवा होगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत के पास पर्याप्त हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन है।
लब अग्रवाल ने बताया कि एक हफ्ते के लिए भारत को करीब एक करोड़ टैबलेट की जरूरत होगी, जबकि हमारे पास घरेलू इस्तेमाल के लिए 3.2 करोड़ टैबलेट मौजूद हैं, यानी फिलहाल की जरूरत का करीब तिगुना। अगर महीने के आखिर तक की जरूरत की बात करें, तो भारत को 1.6 करोड़ टैबलेट की जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा दो से तीन करोड़ की अतिरिक्त सप्लाई की व्यवस्था कर रखी है।
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