News portals-सबकी खबर (शिमला)
हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने के मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से करवाने के आग्रह को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई 26 मई के लिए टल गई है। इस मामले पर सुनवाई मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ के समक्ष हुई। प्रार्थी ने मामले की जांच सीबीआई से करवाने के आग्रह को लेकर याचिका दाखिल कर रखी है। हाई कोर्ट ने फिलहाल इस मामले में प्रतिवादियों को नोटिस जारी नहीं किया है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने इस परीक्षा को रद्द करते हुए यह परीक्षा नए सिरे से आयोजित करने का निर्णय ले लिया है। पुलिस भर्ती पेपर लीक की जांच के लिए राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन कर रखा है और पूरे मामले की जांच चल रही है।
कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी और ऊना समेत कुछ जिलों में पेपर देने वाले अभ्यर्थियों से पूछताछ हुई है और कांगड़ा जिला में अधिकांश गिरफ्तारियां दर्ज की गई हैं। दूसरी ओर राज्य सरकार ने पुलिस भर्ती के लिए पुलिस मुख्यालय में बनाई गई कमेटी के चीफ आईजी जेपी सिंह को उनके पद से बदल दिया है। माना जा रहा है कि एसआईटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद कुछ और अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है। फिलहाल इस मामले में दो एफआईआर दर्ज हुई हैं, जिसमें एक कांगड़ा के गगल पुलिस थाने में है और दूसरी शिमला के भराड़ी थाना में दर्ज की गई है।
बाहरी राज्यों के लिए टीमें रवाना
पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक मामले में एसआईटी ने जांच तेज कर दी है। पेपर लीक मामले में आरोपियों की धरपकड़ के लिए दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा सहित करीब पांच राज्यों में पुलिस टीमें गई हैं। बताया जा रहा है आरोपियों ने पेपर लीक मामले अधिकतर युवाओं से नकद राशि एकत्रित की है। पुलिस की एसआईटी ने पेपर लीक मामले में अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस केस की जांच कर रही एसआईटी ने शिमला सचिवालय में गृह विभाग की शाखा से एक कर्मचारी से भी पूछताछ कर रही है।
इस क्लर्क को जांच के दायरे में फोन कॉल डिटेल के कारण लिया गया है। पुलिस भर्ती में टॉपर रहे युवाओं से भी पुलिस भर्ती परीक्षा को लेकर पूछताछ कर रही है। पेपर लीक मामले की जांच के लिए प्रदेश सरकार ने डीआईजी मधुसूदन के नेतृत्व में पुलिस अधिकारियों की एसआईटी गठित की है। जांच में अभी और लोगों की गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।
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