प्रदेश की 85 ग्रामीण सड़कों के निर्माण कार्यो में हुई हेराफेरी
News portals-सबकी खबर (शिमला)
प्रदेश की 85 ग्रामीण सड़कों के निर्माण कार्यों में हेरा फेरी हुई है। सरकार ने इस संबंध में गुणवत्ता निगरानी अधिकारियों के माध्यम से एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब की है। यह निर्देश भी दिए हैं कि दिसंबर 2020 तक इन सभी सड़कों को संतोषजनक स्थिति में लाया जाए। सूत्रों ने बताया कि हाल ही में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई लोक निर्माण विभाग की बैठक में भी यह मामला सामने लाया जा चुका है। इस बैठक के बाद ही सरकार इस मामले में सख्त हुई है।प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाई जा चुकीं इन सड़कों में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया है। इनमें घटिया सामग्री इस्तेमाल की गई है या इन्हें अन्य तय मापदंडों के अनुसार नहीं बनाया गया है। गुणवत्ता निरीक्षकों ने यह धांधली पकड़ी है। मुख्यमंत्री कार्यालय इस मामले में सख्त हो गया है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारी और ठेकेदार नप सकते हैं।
राज्य और राष्ट्रीय गुणवत्ता निगरानी अधिकारियों ने अलग-अलग तैयार की है रिपोर्ट प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यों पर राज्य और राष्ट्रीय गुणवत्ता निगरानी अधिकारियों ने अलग-अलग रिपोर्ट तैयार की है। राज्य गुणवत्ता निगरानी अधिकारियों ने 2019-20 में बनीं सड़कों की ग्रेडिंग में पाया कि 806 सड़कें संतोषजनक हैं। 132 में सुधार की जरूरत है जबकि 54 का काम असंतोषजनक है। इसी साल की राष्ट्रीय गुणवत्ता निगरानी अधिकारियों ने भी रिपोर्ट दी है। इसमें 239 सड़कों का काम संतोषजनक और 69 में सुधार की जरूरत बताई गई है। 31 सड़कों का काम असंतोषजनक पाया गया है।
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