News portals- सबकी खबर ( शिमला )
महर्षि मार्कंडेश्वर विश्वविद्यालय (एमएमयू) और उससे संबद्ध मार्कंडेश्वर मेडिकल कॉलेज कुमारहट्टी के करीब 1200 विद्यार्थियों से 103 करोड़ रुपये की अतिरिक्त फीस वसूली का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। वीरवार को मामले की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फिलहाल विश्वविद्यालय प्रबंधन को कोई राहत नहीं दी है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग के अध्यक्ष से निजी परिचय का हवाला देकर सुनवाई से इनकार कर दिया है। अब मुख्य न्यायाधीश एए सैयद की स्वीकृति के बाद दूसरी खंडपीठ के पास मामले की सुनवाई होगी।आयोग की अदालत ने मामले का निपटारा करते हुए कहा था कि वर्ष 2012 से 2020 की अवधि के दौरान करीब 1200 एमबीबीएस प्रशिक्षुओं से एमएमयू ने 103,96,53,000 रुपये की अतिरिक्त ट्यूशन फीस वसूली।
आयोग ने इन सभी प्रशिक्षुओं से अतिरिक्त फीस वसूली को विवि से वापस लेने के लिए आवेदन करने के लिए कहा था। मार्कंडेश्वर मेडिकल कॉलेज कुमारहट्टी पर आयोग ने 45 लाख का जुर्माना भी लगाया है।आयोग के इस फैसले को विश्वविद्यालय ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। याचिका में आरोप लगाया है कि आयोग के आदेशों पर पूर्ण कोरम के हस्ताक्षर नहीं थे। आयोग के अधिवक्ता नरेश कौल ने अदालत को बताया कि आयोग के एक सदस्य शशिकांत शर्मा ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किए, क्योंकि उनकी बेटी भी विश्वविद्यालय में नामांकित थी।
Recent Comments