News portals-सबकी खबर (शिमला ) मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में बनने वाली सभी सड़कों में ड्रेनेज और क्रॉस ड्रेनेज बनाना अनिवार्य किया जाएगा। इसकी निगरानी के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी और निगरानी टीमें भी गठित की जाएंगी। वह वीरवार को देर सायं यहां आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रेनेज और क्रॉस ड्रेनेज न होने के कारण सड़कें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि जिन सड़कों में निर्माण के समय ड्रेनेज नहीं होगी, उन्हें पास भी नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माण के समय ही गुणवत्तापूर्ण कार्य से सड़कों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। उन्होंने प्रदेश में भारी बारिश के कारण हुए नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट लेकर अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाधित सड़कों को 24 घंटे कार्य कर बहाल किया जाए। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को भूस्खलन से क्षतिग्रस्त सड़कों को खोलने के लिए भारी मशीनरी और उपकरणों का उपयोग सुनिश्चित करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि जिला मंडी में बाधित प्रमुख सड़कों को खोलने के लिए अतिरिक्त कार्य बल और मशीनरी की आवश्यकता है। सड़कें पहाड़ की जीवन रेखाएं हैं और इन्हें सुचारू बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल्लू में नदी किनारों पर पानी से भूमि कटाव को रोकने के लिए वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन सुनिश्चित किया जाएगा। इसके दृष्टिगत राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और लोक निर्माण विभाग को दूरगामी उपाय करने को कहा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की (एसडीआरएफ) कंपनियों को दो-दो क्रेन उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है, इससे आपदा प्रबंधन और बचाव कार्यों को तीव्रता से करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सभी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को ड्रोन भी उपलब्ध करवाए जाएंगे, इससे मैपिंग व निगरानी के साथ-साथ आपदा के समय लोगों को सामान व चिकित्सा सहायता उपलब्ध करवाने में मदद मिलेगी।
बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव ओंकार शर्मा, भरत खेड़ा व देवेश कुमार, विभिन्न विभागों के सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
Recent Comments