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हिमाचल में हर व्यक्ति की कोरोना संक्रमण की जांच के लिए मैपिंग होगी। इसके लिए शनिवार से डोर-टू-डोर एक्टिव केस फाइंडिंग कैंपेन शुरू किया जा रहा है। अभियान के लिए आशा वर्कर्ज ट्रेंड की गई हैं। इन टीमों को प्रदेश के हर घर में भेजकर हर व्यक्ति की मैपिंग होगी। इस आधार पर हर व्यक्ति की ट्रैवल हिस्ट्री व उसके स्वास्थ्य की जांच होगी। विदेशों से लौटे हर नागरिक का स्वास्थ्य विभाग की टीम गले का सैंपल लेगी। इसके अलावा कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाने वाले व्यक्तियों के भी जांच के नमूने लिए जाएंगे। सामान्य सर्दी-बुखार के लक्षण दिखने पर ऑन स्पॉट लोगों को आईजीथ्रोमाइसिन की दवाई भी देने को कहा गया है। जयराम सरकार ने हिमाचल प्रदेश के सभी नागरिकों की मैपिंग का यह अभियान 28 मार्च से शुरू करने को कहा है। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान ने विशेषज्ञ चिकित्सकों तथा कोरोना से लड़ने के लिए तैयार की गई टीम के साथ इस अभियान को लेकर खासी रणनीति बनाई है। इसके तहत पूरे प्रदेश में इस कैंपेन को शुरू करने के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। उल्लेखनीय है कि एक्टिव केस फाइंडिंग कैंपेन प्रदेश सरकार ने टीबी को लेकर पहले भी की है। इस अभियान के दौरान हिमाचल प्रदेश के स्वासथ्य विभाग ने करीब 25 हजार लोगों के घर-घर जाकर सैंपल लिए थे। इस आधार पर प्रदेशभर में टीबी के 900 नए मरीज ढूंढे गए हैं। लिहाजा एक्टिव केस फाइंडिंग कैंपेन में पहले से ही एक्सरसाइज कर चुके स्वास्थ्य विभाग के लिए पिछला अनुभव कोरोना के खिलाफ सैंपलिंग में काम आएगा।
टै्रवल हिस्ट्री बतानी होगी
एक्टिव केस फाइंडिंग कैंपेन में आशा वर्कर्ज आपके घर-द्वार पहुंचकर पूरे परिवार की मैपिंग करेगी। इस दौरान परिवार के हर सदस्य को अपनी ट्रैवल हिस्ट्री तथा शारीरिक बीमारियों का ब्यौरा देना होगा। अगर उन्हें कुछ समय से बुखार-खांसी या सांस लेने की तकलीफ है, तो उसे भी बताना होगा। इस आधार पर स्वास्थ्य विभाग संदिग्धों के सैंपल भरेगा।
ऐसे लिया जाएगा सैंपल
कोरोना की जांच का सैंपल लेना बेहद आसान है। इसके लिए गले का रेशा जांच के लिए लिया जाता है। नाक तथा मुंह के छेद को जोड़ने वाले हिस्से से यह सैंपल भरा जाता है। इसकी रिपोर्ट लैब में सात से आठ घंटे के बीच आती है। हिमाचल में इन सैंपलों की जांच अभी आईजीएमसी शिमला तथा टांडा में हो रही है।
तुरंत प्रभाव से आइसोलेट
अगर आप कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आए हैं, तो आपको तुरंत प्रभाव से आइसोलेट कर दिया जाएगा। इस परिस्थिति में पांच दिन तक ऐसे लोगों को कड़ी निगरानी में रखने के बाद सैंपल लिए जाएंगे। एडवाइजरी के अनुसार ऐसे लोगों के पांच से 14 दिन के भीतर सैंपल लेने का प्रावधान है।
मंडी, कसौली का प्रस्ताव
हिमाचल सरकार ने जोनल अस्पताल मंडी और आईसीआर कसौली में कोरोना टेस्ट की लैब स्थापित करने का प्रस्ताव आईसीएमआर को भेजा है। अभी तक शिमला तथा टांडा में सैंपल हो रहे हैं। इन दोनों लैब्स में प्रतिदिन हर लैब में 80 से 90 सैंपल लगाए जाने का प्रावधान है। कसौली और मंडी में अनुमति मिलने के बाद सैंपलिंग की प्रक्रिया में तेजी आएगी।
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