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प्लम के बाद कुल्लू जिले में लहसुन के दाम भी दोगुना हो गए हैं। एक सप्ताह बाद जिले में लहसुन के दाम 55 से 105 रुपये प्रतिकिलो हो गए हैं। कोरोना काल में लहसुन के दाम बढ़ने से हजारों किसानों ने राहत की सांस ली है। शुरुआत में भले ही रेट कम मिला हो, लेकिन अब दाम आसमान छूने लगे हैं। आयुर्वेद में लहसुन कई बीमारियों के खात्मे के लिए रामबाण माना गया है। लहसुन में एंटी ऑक्सीडेंट के होने साथ यह मनुष्य के शरीर में रक्तचाप को कम करता है और ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाता है। कोरोना महामारी का ऑक्सीजन की कमी (सांस लेने में दिक्कत) होना भी एक लक्षण है। ऐसे में लहसुन के सेवन से यह समस्या दूर होती है।
लहसुन में एक दर्जन से भी अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं। लहसुन उत्पादक लीला प्रसाद, ओमप्रकाश, रमेश चंद, धर्म सिंह, आलम चंद, गोविंद सिंह और ध्यान सिंह ने कहा कि लहसुन के रेट में एकाएक उछाल आया है। कोरोना के चलते किसान चिंतित थे कि शायद इस बार लहसुन नहीं बिकेगा, लेकिन अब व्यापारी घर-द्वार पहुंचकर 105 रुपये प्रति किलो लहसुन खरीद रहे हैं। आने वाले दिनों में इसमें और उछाल आने की उम्मीद है। उधर, कृषि विभाग कुल्लू के उपनिदेशक डॉ. राजपाल शर्मा ने कहा कि जिले में करीब 1200 हेक्टेयर भूमि में लहसुन का उत्पादन हो रहा है। इस बार फसल अच्छी है और दाम भी अच्छे मिल रहे हैं।
लहसुन के नियमित प्रयोग से मनुष्य के शरीर में खून पतला रहता है और इसका संचार बेहतर रहता है, जिससे सांस लेने (ऑक्सीजन) की कमी दूर होती है। चर्म रोग, नसों का दर्द, कब्ज, सूजन के रोग नहीं होते। 100 ग्राम लहसुन में लगभग 150 कैलोरी, 33 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 6.36 ग्राम प्रोटीन, विटामिन बी 1, बी 2, बी 3, बी 6, विटामिन सी, कैल्शियम, लोहा, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, सोडियम और जिंक मौजूद हैं।
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