News portals-सबकी खबर (शिमला ) हिमाचल विधानसभा के चुनावों में दो प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस के कितने बागी मैदान में रहेंगे, इसकी तस्वीर शनिवार यानी आज साफ हो जाएगी। निर्वाचन आयोग के शेड्यूल के अनुसार 29 अक्तूबर नाम वापस लेने की आखिरी तारीख है, इसीलिए यही वह दिन है, जब बगावत को लेकर दोनों दलों को फिर फैसला लेना है। हिमाचल विधानसभा के चुनाव में नामांकन की आखिरी दिन तक कुल 631 प्रत्याशियों ने पर्चा भरा था। इनमें कई सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बागी भी उतर गए हैं। उन्होंने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लडऩे का पर्चा दाखिल किया है। वर्तमान में भाजपा के लिए 14 सीटों पर और कांग्रेस के लिए 12 सीटों पर निर्दलीय नामांकन के कारण मुश्किलें खड़ी हैं। दोनों दलों में बागियों को मनाने के लिए कोशिशें हो रही हैं और यह कोशिश कितनी सफल हुई है, इसका पता शनिवार शाम तक चलेगा। कुल नामांकनों में से 45 नामांकन रद्द भी हुए हैं, लेकिन इसके बाद भी भाजपा के लिए कुल्लू, बड़सर, कांगड़ा, धर्मशाला, चंबा, इंदौरा, फतेहपुर, बंजार, मंडी, झंडुत्ता, बिलासपुर, नालागढ़ और कुल्लू जिला की आनी सीट पर बगावत के कारण मुश्किलें खड़ी हैं।कांग्रेस में भी सोलन जिला की अर्की, ठियोग, सुलाह, गगरेट, चिंतपूर्णी, पछाद, बिलासपुर, जोगिंदर नगर, बंजार, चौपाल, आनी और नाचन जैसी सीटों पर बागी समानान्तर चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में इन सीटों पर अपने लोगों को मनाना कांग्रेस के लिए भी चुनौती होगी। भाजपा से मिल रही जानकारी के अनुसार करसोग और कसुम्पटी जैसी सीटों पर पार्टी ने सहमति बना ली थी और अब किन्नौर तथा नालागढ़ जैसी सीटों पर भी सहमति बनने के आसार हैं। कांग्रेस ने भी चिंतपूर्णी में पूर्व मंत्री कुलदीप कुमार को मना लिया है, लेकिन अन्य सीटों पर क्या होगा, यह शनिवार शाम तक ही पता चलेगा। शनिवार को नाम वापसी के अगले दिन 30 अक्तूबर को भाजपा ने सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में अपनी चुनावी रैलियां रखी हैं और इसके अगले दिन से हिमाचल में स्टार प्रचारकों की बड़ी रैलियां शुरू हो जाएंगी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लेकर ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रियंका गांधी और आम आदमी पार्टी की ओर से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जनसभाएं भी हिमाचल में देखने को मिलेंगी।
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