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जिला सिरमौर के टिम्बी-मिल्ला लिंक मार्ग पर दुर्घटना के शिकार हुए 12 लोगो मेसे 11 लोगों का अंतिम संस्कार हिंदू रीतिरिवाजों के साथ पूर्ण किया गया है, चढ़ेऊ गांव के 8 युवाओं का एकसाथ टिम्बी मोक्षधाम पर दाहसंस्कार किया गया है, बंटी का कांडों गांव में तथा अक्षय व निखिल का पावटा साहिब के यमुनाघाट में अंतिम संस्कार किया गया है।
दर्दनाक दुर्घटना में मृतक यश व अक्षय माँ के इकलौते चिराग थे, चढ़ेऊ गाँव मे बलिराम के दोनों बेटे सुरेश व प्रवेश के अतिरिक्त 8 युवा 21 वर्ष से छोटे दुर्घटना के शिकार हुए है, दुर्घटना ने समूचा क्षेत्र झंझोड़ कर रख दिया है। क्षेत्र में चारो तरफ मातम का माहौल है,सड़क दुर्घटना में किसी ने बेटा, किसी ने भाई, किसी ने पति तो किसी के घरों को संभालने वाले चिराग भुजा दिए है, हरकोई स्तब्ध है कि यह कैसे हो गया, ग्रामीणों में कोई समझ नही पा रहा कि अब क्या करें, कहां जाऐं, खुशियों की बारात पलभर में दुःखो का पहाड़ लेकर आ गई है, पिता, भाई, बहन, माता, दोस्त व रिशेतदारों की आखों में आंसू नही, इंतजार नजर आता है कि उनकी आँखों के तारे अब लौटकर कभी नही आएंगे।
टिम्बी-मिल्ला लिंक मार्ग लोगो के लिए खूनी सड़क बनी हुई है दो दशक पहले लिंक मार्ग का निर्माण सुरक्षा व सहूलियत के लिये किया गया था लेकिन भ्रष्टाचार में लिप्त विभाग व प्रशासन ने सड़क पर तीखे मोड़ व खड़ी चढ़ाई बना दी जिससे अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती है वर्ष 2014 में निजी बस दुर्घटना के बाद लोनिवि ने लिंक मार्ग पर ब्लेकस्पॉट सहित पैरापिट व बेरिकेट का कार्य शुरू जरूर किया लेकिन भर्ष्टतन्त्र ने सरकारी बजट ढ़कार दिया और मार्ग की हालत तीन किलोमीटर अभी भी दयनीय बनी हुई है।
शासन, प्रशासन सड़क दुर्घटनाओं से सबक लेता नजर नही आ रहा है दुर्घटना होने के बाद दो दिनों तक अधिकारी व नेता जांच व व्यवस्था को सही करने की बात करते है उसके बाद जारी जांच फाइलों में बंद हो जाती है जिसकी सुध लेता कोई नजर नही आता है और खामियाजा क्षेत्र की जनता को अपनी जान गवां कर भुगतना पड़ रहा है यदि प्रशासन सड़क के किनारे बेरिकेट लगवा लेता तो यह दुर्घटना होने से बच सकती थी।
पूर्व पंचायत प्रधान बहादुर सिंह, पूर्व उपप्रधान धनवीर सिंह, राजेन्द्र चौहान, सुरेंद्र सिंह, जगपाल चौहान, कपिल, बलबीर, रतन सिंह, सुरेश ने बताया कि लिंक मार्ग बहुत संकरा है, केवल एक वाहन गुजरने की जगह पूरे मार्ग पर है दूसरी गाड़ी आने पर एक किलोमीटर पीछे साइड देने आना होता है, सड़क के किनारे सुरक्षा के लिए पैरापिट व बेरिकेट नही है, कई बार विभाग व सरकार को समाधान के लिए लिखा गया है, अधिकारी व नेताओं की कागजी योजनाओं में बजट भी पास होता है लेकिन धरातल पर खोखली सरकार नजर आ रही है, लिंक मार्ग में तिखेमोड, खड़ी चढ़ाई होने से क्षेत्र के 100 से अधिक युवा अपनी जान गवां चुके है, शासन प्रशासन व सरकार यदि सबक नही लेती है तो आंदोलन किया जाएगा।
बता दे कि टिम्बी-मिल्ला लिंक मार्ग पर 1995 में हुई दुर्घटना में 5, 1997 में टिप्पर दुर्घटना में 3, 1998 टिप्पर दुर्घटना में 1, 2002 बोलेरो अलग-2 तीन दुर्घटनाओं में 9, 2005 टिप्पर दुर्घटना में 2, 2007 में टिप्पर व मिनी बस दुर्घटना में 10, 2012 बोलेरो दुर्घटना में 14, 2012 पिकअप दुर्घटना में 7, 2013 बोलेरो दुर्घटना में 3, 2014 में निजी बस दुर्घटना में 21, 2015 ऑल्टो गाड़ी दुर्घटना में 4, 2015 ट्रेक्टर दुर्घटना में 1, 2016 मोटरसाइकिल दुर्घटना 2, 2017 दुर्घटना में मिनी बस में 1 और बोलेरों केम्पर दुर्घटना में 5, 2018 ऑल्टो दुर्घटना में 1, 2018 टिप्पर दुर्घटना में 3, 2020 टिप्पर दुर्घटना में 1, 2021 पिकअप दर्घटना में 11 लोगों ने अपनी जान गवाई है।
गिरिपार पत्रकार परिषद अध्यक्ष जगत सिंह तोमर ने सड़क दुर्घटना में मीडिया को प्रशासन का सहयोग न मिलने पर बताया कि अचानक हुए सड़क दुर्घटना में पुलिस प्रशासन, पत्रकारों के साथ जानकारियां साझा करने में आनाकानी करती नजर आई है, पुलिस प्रशासन का नकारात्मक रवैया सामने आया है जिसके कारण पत्रकारों को लोगो की सहायता करने में परेशानियों का सामना करना पड़ा है, जिस तरह प्रशासन अपना कार्य करते है उसी तरफ पत्रकारों को पूरी आजादी है कि वह मौका पर हुई घटना से सम्बंधित जानकारियां प्रशानिक अधिकारियों से प्राप्त करें।
उपायुक्त सिरमौर आरके गौतम ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि दुर्घटना बेहद दर्दनाक हुई है इसलिए मामले पर त्वरित जांच बिठाई गई है, एसडीएम शिलाई को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। दुर्घटना के हर पहलू को बारीकी से जांचा जाएगा तथा सख्त कदम उठाए जाएंगे।
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