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निजी स्कूलों में अपने नौनिहालों को पढ़ाने वाले अभिभावकों के लिए राहत भरी खबर है। अगर कोई अभिभावक अभी फीस नहीं दे पा रहे हैं, तो वे बाद में अपने बच्चे की फीस जमा कर सकते हैं। इस दौरान अभिभावकों को लेट फीस भी नहीं देनी पड़ेगी। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने यह राहत अभिभावकों को प्रदान की है।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने साफ कहा है कि निजी स्कूल के अभिभावक यदि बच्चों की फीस देने में असमर्थ हुए, तो उनसे किसी प्रकार की पेनल्टी या जुर्माना नहीं लिया जाएगा। निजी स्कूल शिक्षकों अभिभावकों से जबरदस्ती फीस नहीं ले सकते हैं और न ही कोरोना के संकट के बीच में शिक्षकों को नौकरी से निकाल सकते हैं। शिक्षकों की सैलरी भी स्कूल नहीं रोक सकते हैं।
अगर निजी स्कूल ऐसा करते हैं, तो इसके लिए सरकार को नया कानून भी बनाना पड़े, तो वह भी बनाया जाएगा, लेकिन निजी स्कूलों को यह मनमानी नहीं करने दी जाएगी। ऐसे में निजी स्कूलों की मैनेजमेंट से यह आग्रह है कि वे इस समय में अपनी मनमानी को छोड़कर सरकार और आम जनता के साथ सहयोग करें। उन्होनें कहा कि शिमला शहर के कई निजी स्कूल अभिभावकों को मैसेज के माध्यम से और व्हाट्सएप के माध्यम से 26 हजार से अधिक की फीस जमा करवाने का दबाव बना रहे हैं।
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