News portals-सबकी खबर (शिमला )
प्रदेश में कोई दुकानदार ठगी करता है तो इसकी शिकायत अब घर बैठे ही की जा सकेगी। राज्य उपभोक्ता आयोग ने ई-दाखिल पोर्टल शुरू किया है। बिजली, पानी, टेलीफोन के बिल ज्यादा आने पर भी आयोग में शिकायत की जा सकेगी। चंडीगढ़, दिल्ली और मुंबई से भी सामान खरीदा हो, उसमें खोट मिलने पर भी शिकायत कर सकेंगे। नया कानून लागू करने के बाद हिमाचल प्रदेश उपभोक्ता विवाद निस्तारण आयोग ने यह नई व्यवस्था शुरू की है। इसे उपभोक्ता संरक्षण नियमों के तहत शुरू किया गया है। इस संबंध में राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग से मंजूरी ली गई है। जिला स्तर ऐसी शिकायतें उपभोक्ता फोरम में की जा सकेंगी। प्रदेश स्तर पर राज्य आयोग में कर सकेंगे। राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में भी शिकायतें की जा सकेंगी। शुक्रवार को ई-दाखिल पोर्टल का लोकार्पण शिमला में अध्यक्षीय सदस्य सुनीता शर्मा ने किया। न्यायिक सदस्य आरके वर्मा, संयुक्त पंजीयक नरेंद्र मेहता भी मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि हाल में उपभोक्ताओं के लिए वर्ष 1986 के बने अधिनियम को खत्म किया गया है। अब 2020 में बने नए एक्ट के तहत काम शुरू हो गया है। 34 साल बाद नया कानून बना है।
शिकायत के लिए पांच लाख तक खरीद पर कोई फीस नहीं
शिकायत के लिए पांच लाख तक खरीद पर कोई फीस नहीं ली जाएगी। इससे ज्यादा पर 100 रुपये का शुल्क वसूला जाता है। एक करोड़ तक जिला उपभोक्ता फोरम, एक करोड़ से दस करोड़ तक राज्य उपभोक्ता आयोग और दस करोड़ से ऊपर राष्ट्रीय आयोग में शिकायत की जा सकती है।
उदाहरण के तौर किसी ने जूते को पांच सौ रुपये के असल मूल्य के बजाय एक हजार रुपये में बेच दिया। गलत वारंटी दे दी। नकली ब्रांड बेचा। कुछ दिन में ही खराब हो गया तो ऐसी तमाम स्थितियों में शिकायत की जा सकती है। अगर पानी का बिल आ रहा है और पेयजल की आपूर्ति नहीं हो रही है। बिजली बिल आ रहा है, मगर बिजली नहीं है। टेलीफोन सुविधा नहीं है, मगर बिल आ रहा है। सिम रिचार्ज कर दिया, मगर फिर भी सुविधा नहीं मिल रही। ऐसे तमाम मामलों में आयोग या फोरम के समक्ष शिकायत की जा सकेगी।
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