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हिमाचाल प्रदेश में कोविड वार्ड में मरीजों की देखभाल के दौरान कोताही बरतने वाले स्टाफ पर नजर रखी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने प्रिंसीपल, एमएस, सीएमओ को निर्देश दिए हैं कि वे कोविड वार्ड में ड्यूटी देने वाले स्टाफ पर नजर रखे। अगर मरीजों के उपचार में किसी तरह की कोताही बरती जाती है तो अस्पतालों के मुखियाओं पर कार्रवाई होगी। कोविड वार्ड में जाने से पहले सभी स्टाफ के साथ एचओडी की बैठक भी होगी, ताकि इन्हें काम को लेकर बताया जा सके।
कोविड वार्ड में ड्यूटी दे रहे स्टाफ के कार्यों पर नजर रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने डाक्टरों के एचओडी को सख्त आदेश दिए हैं। वार्ड में आक्सीजन, इंजेक्शन अन्य कोविड मरीजों के लिए इस्तेमाल होने वाली सामग्री की भी जांच होगी। अगर स्वास्थ्य सामग्री की कमी है तो उसे उपलब्ध करवाना इन अधिकारियों का काम होगा।
वार्ड इंचार्ज लिस्ट तैयार करेंगे। इसके अलावा सरकार ने घरों में आइसोलेट कोरोना मरीजों के साथ डॉक्टरों को बात करने को कहा है। मरीजों को क्या-क्या जरूरत है। इसके लिए आशा वर्कर आइसोलेट मरीजों के घर जाएगी। आक्सीजन लेबल, बुखार की रिपोर्ट सबंधित क्षेत्र के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर को देगी।
ऐसे में अगर बीएमओ को लगता है कि मरीज की तबीयत ठीक नहीं है तो वह एंबुलेंस भेजकर मरीज को अस्पताल लाएंगे। स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने बताया कि कोरोना मरीजों के उपचार में कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। शिकायत आने पर मेडिकल कालेज के प्रिंसीपल, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक और मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर कार्रवाई होगी। बाकायदा इसके आदेश जारी किए गए है।
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