News portals-सबकी खबर(पांवटा सहिब)
उपमंडल पांवटा साहिब में नगर निकाय चुनाव में ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी के लिए यह चुनाव नाक का सवाल बन गए है। इस बार मंत्री की साख दाव पर लगी है। 13 वार्डो में उतारे गए भाजपा समर्थिक प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए मंत्री खूब पसीना बहा रहे है।
पांवटा नगर परिषद चुनाव में इस बार कांग्रेस पार्टी ने कदम फूंक फूंक कर प्रत्याशी मैदान में उतारे है , जो ऊर्जा मंत्री की परेशानी का कारण बने हुए है।
जानकारी के अनुसार पांवटा नगर परिषद वार्डों में तीन वर्षो से थमे विकास कार्य और पूर्व में भाजपा समर्थित नगर परिषद पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप का मामला इस बार चुनावी मुददा बना हुआ है। इस मुद्दे को कांग्रेस पार्टी भली भांति भुना रही है। हालाँकि ऊर्जा मंत्री अभी तक दागदार परिषद् के पक्ष में सफाइयां देते भी फिर रहे है , लेकिन यदि सभी वार्डो में काम किया होता तो यू गलियों की खाक नही छानते नजर आते मंत्री, वही जिस भी वार्ड में ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी प्रचार में जा रहे है वहीं पर उन्हें भ्रष्टाचार के बारे में स्पष्टीकरण देना पड़ रहा है। उधर, ऊर्जा मंत्री का मानना है की भर्ष्टाचार के आरोप अभी सिद्ध नहीं हुए है , जबकि पूर्व नगर उपाध्यक्ष सरेआम सफाई के ठेके के बदले एक वायरल वीडियो में पैसे लेते नज़र आ रहे है।
उधर,पांवटा के पूर्व विधायक चौधरी किरनेश जंग का कहना है की सुखराम चौधरी पांवटा साहिब में विकास नहीं करवा पाए , जबकि प्रदेश में भी उनकी सरकार , देश में भी उनकी सरकार और पूर्व नगर परिषद के अध्यक्ष व् उपाध्यक्ष भी उनके थे।
वहीं पांवटा ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने तो ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी से ऐसे ऐसे सवाल के जबाब मांगे है जिसे दे पाने के लिए ऊर्जा मंत्री को पसीने छूट जायेंगे।
इसलिए कुल मिला कर इस बार मंत्री की साख दाव पर लगी है , और ये आने वाले विधानसभा चुनाव 2022 का सेमीफइनल भी माना जा रहा है। यदि इस बार नगर परिषद चुनाव में कांग्रेस ने बाजी मारी तो समझो अगली बार मंत्री शायद विधायक भी न रहे।
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