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कोरोना के मामलो को देखते हुए हिमाचल प्रदेश में लॉकडाउन फिर से लगाया जाना चाहिए या नहीं? इसे लेकर सरकारी वेबसाइट पर धड़ाधड़ रुझान आ रहे हैं। इसके तहत 85 फीसदी वोटिंग लॉकडाउन के हक में हुई है। हालांकि सरकारी वेबसाइट www.himachal.gov.in पर कमेंट करने वाला अधिकतर वर्ग सरकारी कर्मचारी है। जाहिर है कि आम लोगों को न तो इस सरकारी वेबसाइट का ज्ञान है और रोजाना दिहाड़ी लगाने वाला व्यक्ति अब लॉकडाउन चाहता है। बावजूद इसके सरकार के इस सर्वे में कर्मचारी वर्ग बढ़चढ़ कर भाग ले रहा है। हालांकि कुछ युवा वर्ग और व्यापारी वीकेंड पर दो दिन का लॉकडाउन चाहते हैं।
बहरहाल सरकार के इस सर्वे की फाइनल रिपोर्ट के लिए पहली अगस्त तक का इंतजार करना होगा। सर्वे के मुताबिक अभी तक जो रुझान आया है, उसमें 85 फीसदी लोग लॉकडाउन किए जाने के हक में हैं, मगर 15 फीसदी ऐसे लोग भी हैं, जो लॉकडाउन नहीं चाहते और उन्हें रोजी-रोटी की चिंता सता रही है। क्योंकि ऐसा एक बड़ा वर्ग है, जो अपनी रोजी-रोटी की चिंता में है, वहीं प्रदेश की आर्थिकी भी प्रभावित होती है। राज्य में लॉकडाउन के नतीजे पहले ही सामने आ चुके हैं। यहां 30 हजार करोड़ का नुकसान, जिसमें कई सेक्टर शामिल हैं, सामने आ चुका है, जो कि सरकारी आंकड़े हैं। यह नुकसान इससे भी अधिक का हो सकता है। वहीं परिवहन क्षेत्र भी खासा प्रभावित है।प्राइवेट सेक्टर में लोगों को वेतन नहीं मिल रहा है और जहां मिल रहा है, उसमें भी कटौती की जा रही है। इसके अतिरिक्त सरकार ने कई सेवाओं में सबसिडी भी खत्म कर दी है आगे पूर्णतयः लॉकडाउन लगता है, तो नतीजे और भयंकर होंगे, क्योंकि अभी सेब बागबानी भी प्रभावित होने की आशंका है।
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