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कोरोना काल में हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले करीब 600 बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने कोविड में या तो अपनी मां को खोया है या पिता को। इनमें से 21 तो ऐसे हैं, जिनके सिर से मां-बाप दोनों का साया उठ गया और वे अनाथ हो गए हैं। अब इन बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा प्रदेश सरकार ने उठाया है।
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि इसमें 21 बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने कोविड में अपने माता-पिता दोनों को खो दिया। इसमें से सरकारी स्कूल के 299 जबकि प्राइवेट स्कूल के 280 बच्चे हैं जिन्होंने मां या बाप दोनों में से एक को खो दिया। केंद्र सरकार ने कोविड में अपनी जान गंवाने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्ज को 50 लाख का मुआवजा देने की बात कही थी, लेकिन अनाथ हुए इन बच्चों के लिए फिलहाल प्रदेश सरकार ने कोई राहत नहीं दी है।
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