News portals-सबकी खबर (बीबीएन)
हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन के अंतर्गत आने वाले नालागढ़ में तबीलीगी जमात के लिए आए मुस्लिम समुदाय के 43 लोगों को उपमंडल प्रशासन ने क्वारंटाइन सेंटर में भेज दिया है। नालागढ़ रामशहर रोड स्थित लेबर ट्रांजिट होस्टल में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में इन्हें गहन निगरानी में रखा गया है और बाकायदा स्वास्थ्य जांच की जा रही है। पुलिस जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर क्वारंटाइन सेंटर के बाहर पुलिस कर्मी भी तैनात कर दिए हैं। बता दे की कोरोना की वजह से लॉकडाउन और कर्फ्यू के बीच लोग 12 दिन से यहां रह रहे थे और प्रशासन को इसकी कोई सूचना तक नहीं दी गई थी, मंगलवार को इनके एक मरकज में इकट्ठे होने की सूचना प्रशासन को मिली, जिसके बाद पुलिस की मौजूदगी में इन्हें तुरंत मरकज से निकालकर पुलिस के पहरे में क्वारंटाइन सेंटर भेजा गया। बाहरी राज्यों से नालागढ़ में बाहरी राज्यों से तबीलीगी जमात के लिए आए 43 लोगों का मंगलवार को खुलासा हुआ है। ये लोग दो सप्ताह पहले बद्दी-नालागढ़ की विभिन्न मस्जिदों में धार्मिक प्रचार के लिए घूम रहे थे। अब जाकर प्रशासन को सूचना मिली है, जिसके बाद तुरंत पुलिस व स्थानीय प्रशासन की टीम पहुंची। उधर, मरकज के प्रबंधक का कहना है कि उन्होंने 25 मार्च को दिल्ली पुलिस को इन लोगों के मरकज में आने की सूचना दे दी थी। उनका कहना है कि मरकज में इन्हें बाकायदा सोशल डिस्टेंसिंग में रखा गया था। डीएसपी नालागढ़ चमन लाल और एसपी रोहित मालपानी ने खबर की पुष्टि की है। रामशहर के लेबर ट्रांजिट होस्टल में कड़ी निगरानी में रखे गए लोग; कैंपस में पुलिस कर्मचारी तैनात, 12 दिन से यहीं ली थी पनाह, प्रशासन को नहीं थी कोई सूचना
किसी में कोरोना का कोई लक्षण नहीं
उधर ,एसडीएम नालागढ़ ने बताया कि ये लोग 18 मार्च को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से आए थे, जो पिछले कई दिनों से क्षेत्र की विभिन्न मस्जिदों में रह रहे थे। सोमवार को दिल्ली निजामुदीन तबलीगी मरकज में बाहरी देशों से आए सैकड़ों लोगों की सूचना मिलने के बाद जिला बद्दी पुलिस ने भी मंगलवार को एहतियातन विभिन्न मस्जिदों का निरीक्षण किया, निरीक्षण में विभिन्न मस्जिदों में करीब 43 लोग पाए गए, जो कि विभिन्न बाहरी राज्यों से दो सप्ताह पहले आए थे, इसमें 17 के करीब लोग रामशहर मार्ग पर मरकज में मौजूद मिले। पुलिस ने सभी लोगों को क्वारंटाइन सेंटर में 14 दिन के लिए भेज दिया है, जहां अब ये सभी लोग डाक्टरों की निगरानी में हैं, हालांकि अभी तक किसी भी व्यक्ति में कोरोना का कोई ऐसा लक्षण नहीं पाया गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मेडिकल करवाया जा रहा है, ताकि कोई अगर संदिग्ध होते उसे तुरंत भर्ती किया जाए।
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