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वन विभाग फायर सीजन में तबाह हुए जंगलों का दोबारा आकलन करेगा। सितंबर में टीमें उन क्षेत्रों में भेजी जाएंगी, जिनमें फायर सीजन के दौरान अग्निकांड की घटनाएं सामने आई थी। यह टीमें नुकसान की रिपोर्ट का आकलन करेंगी। विभाग ने दोबारा जांच में आंकड़ों के 20 फीसदी तक बदलने की संभावना जताई है। फिलहाल, नुकसान की मौजूदा रिपोर्ट की बात करें तो मानसून सीजन के शुरू होने तक इस साल 20 हजार हेक्टेयर भूमि आग की भेंट चढ़ी है। इस भूमि में लगे तमाम पेड़ और पौधे नष्ट हो गए हैं। वन विभाग ने इससे करीब पांच करोड़ 60 लाख रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया है। बरसात के बाद जिन जगहों पर भूमि 100 फीसदी जली थी वहां दोबारा टीमें भेजी जाएंगी और जलने के बाद उसी जगह पर पेड़ या पौधे वापस आए होंगे, तो उन्हें नुकसान की श्रेणी से बाहर कर दिया जाएगा। ऐसे में नुकसान के आंकड़े बदल सकते हैं।
यह अभियान सिंतबर में शुरू किया जाएगा। हिमाचल में वनों को फायर सीजन में हुए नुकसान की भरपाई मानसून से होने की उम्मीद है। वन विभाग ने संभावना जताई है कि फायर सीजन के कुल नुकसान के आंकड़े मानसून के बाद बदल जाएंगे। शुरुआती तौर पर जो 20 हजार हेक्टेयर का नुकसान प्रदेश के वनों को हुआ है। सितंबर में दोबारा आकलन होने पर इसमें 15 से 20 फीसदी तक बदलाव की संभावना है। विभाग का मानना है कि हिमाचल में इन दिनों भारी बरसात हो रही है और इसका असर उन क्षतिग्रस्त पेड़ों पर भी पड़ेगा जो पूर्व में अग्निकांड की भेंट चढ़ गए थे। पर्याप्त पानी मिलने से यह पेड़ दोबारा हरे हो जाएंगे।
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