न्यूज़ पोर्टल्स:सबकी खबर(संगड़ाह)
उपमंडल मुख्यालय पर मौजूद संगड़ाह अस्पताल से चौथे व आखरी चिकित्सक का तबादला होने के बाद गत सप्ताह डॉक्टर विहीन हो चुके इस संस्थान में खाली पद भरे जाने की मांग को लेकर क्षेत्रवासियों द्वारा मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेजा गया। ईमेल व डाक से भेजे गए उक्त पत्र की प्रति हिमाचल के स्वास्थ्य मंत्री तथा भाजपा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी भेजी गई। विकास मंच पदाधिकारी आरडी शर्मा, अंकुर अरोड़ा, प्रोमिला, सुरेश, प्रताप सिंह, सुमित्रा व गुमान सिंह आदि ने मांग पत्र की प्रति जारी करते हुए यहां जारी बयान में क्षेत्र में बदहाल स्वास्थय सेवाओं के लिए विभाग व सरकार के प्रति नाराजगी जताई। यहां चिकित्सकों के चारों पद खाली होने, पिछले दो साल से एक्सरे तक न होने तथा बिस्तरों की संख्या एक तिहाई कम किए जाने से मरीजों को आए दिन परेशानी झेलनी पड़ रही है।
विकास मंच ने करीब 80 हजार की आबादी वाले स्वास्थय खंड संगड़ाह में बदहाल स्वास्थय सेवाओं तथा 50 फीसदी से ज्यादा हेल्थ सबसेंटर बिना स्टाफ बंद होने को क्षेत्रवासियों की सेहत से खिलवाड़ बताया। बदहाल स्वास्थय सेवाओं को लेकर गत 6, अप्रैल व 18 फरवरी को संगड़ाह मे विरोध प्रदर्शन कर चुकी जनवादी महिला समिति की प्रदेश अध्यक्ष संतोष कपूर ने कहा कि, उक्त मुद्दे को लेकर आगामी 8, अगस्त को एक बार फिर महिलाएं प्रदर्शन करेंगी। नियमानुसार हालांकि किसी सरकारी कर्मचारी से 8 घंटे से ज्यादा लगातार ड्यूटी नहीं जा सकती, मगर सीएचसी संगड़ाह मे प्रतिनियुक्ति किए जाने वाले चिकित्सकों को लगातार 12 से 24 घंटे काम करना पड़ रहा है।
सीएचसी में न केवल चिकित्सकों व चालकों के क्रमशः चार व तीन पद खाली है, बल्कि अन्य मूलभूत स्वास्थय सुविधाएं भी उपलब्ध नही है। पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा अक्टूबर, 2011 में शिलान्यास के बावजूद पौने छह करोड़ के संगड़ाह अस्पताल भवन का निर्माण कार्य अब तक पूरा होना शेष है, हालांकि लोक निर्माण विभाग के अनुसार दो करोड़ का शेष बजट मिलने पर अगले दो माह में उक्त भवन तैयार हो जाएगा।
हिमाचल प्रदेश सरकार के नियमानुसार हालांकि सीएचसी में 40 बेड होने चाहिए, मगर यहां मई 2018 तक मौजूद 15 बिस्तर में से भी नए बीएमओ के आने के बाद पांच को हटाया जा चुका है। अस्पताल से पांच बेड हटाए जाने व एक वार्ड बंद किए जाने के बाद यहां दाखिल होने वाले मरीजों की संख्या औसतन 40 से घटकर 10 के आसपास रह गई है तथा ओपीडी करीब 200 से घटकर होकर सौ से भी कम रह गई है। विकास मंच तथा क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा गत 19, नवंबर को यहां मिनी सचिवालय भवन के उद्घाटन समारोह के दौरान मुख्यमंत्री को भी बदहाल स्वास्थय सेवाओं को लेकर मांगपत्र सौंपा जा चुका है। स्वास्थ्य खंड संगड़ाह के 26 हेल्थ सबसेंटर में 52 में से 40 स्वास्थय कार्यकर्ताओं के पद खाली है।
14 उपकेंद्रों में कोई भी कर्मचारी न होने की चलते ताले जड़े हैं। सीएमओ सिरमौर डॉ केके पराशर तथा खंड स्वास्थ्य अधिकारी संगड़ाह डॉ यशवंत सिंह के अनुसार स्वास्थ्य खंड के जिन 14 स्वास्थ्य उपकेंद्रों में कोई भी कर्मचारी नहीं है, वहां हर महीने टीकाकरण के लिए अन्य स्थान से एक स्वास्थय कार्यकर्ता को प्रतिनियुक्ति पर भेजा जाता है। यहां नए डॉक्टर्स की नियुक्ति के लिए स्वास्थय निदेशालय को लिखा जा चुका है। उन्होंने कहा कि, संगड़ाह में कार्यरत आखरी चिकित्सक का मेडिकल कालेज नाहन के लिए तबादला हो चुका है।
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