News portals-सबकी खबर (नई दिल्ली )
पिछले दो महीने में विदेशों से आए लोगों की कोविड-19 की जांच में बड़ी लापरवाही मामला सामने आया है। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुख सचिव को पत्र भेजकर कहा है कि पिछले दो महीने में 15 लाख यात्री विदेशों से भारत आए, लेकिन इन सभी की कोविड-19 की जांच नहीं हुई है। कोविड-19 की जांच हुए लोगों की रिपोर्ट और कुल यात्रियों की संख्या में बड़ा अंतर दिख रहा है।
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने राज्य सरकारों को बताया कि है कि पिछले दो महीने में 15 लाख से ज्यादा लोग विदेश से भारत आए हैं और लौटने वाले यात्रियों और कोरोना वायरस संक्रमण के संदेश में वास्तविक रूप से निगरानी में रखे गए लोगों की संख्या में बड़ा अंतर प्रतीत हो रहा है। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में गौबा ने कहा है कि विदेश से लौटे सभी यात्रियों की निगरानी में अंतर या कमी कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने की सरकार की कोशिशों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है, क्योंकि अन्य देशों से लौटने वाले लोगों में से कई कोरोना वायरस से संक्त्रमित मिले हैं। राजीव गौबा ने पत्र में कहा है कि ब्यूरो ऑफ इमीग्रेशन ने 18 जनवरी 2020 से 23 मार्च 2020 तक की रिपोर्ट राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से एकत्र किए हैं, जिसमें विदेशों से आए लोगों की कोविड-19 की जांच की डिटेल है। इस रिपोर्ट और भारत आए कुल यात्रियों की संख्या में अंतर है। गौबा ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों से कहा है कि एक बार फिर से विदेशों से आए यात्रियों की पहचान की जाए और उनकी कोविड-19 की जांच की जाए। साथ ही ये भी कहा गया है कि इन सभी यात्रियों को एमओएचडब्ल्यूडब्ल्यू के दिशा-निर्देशों के अनुसार निगरानी में रखा जाए। इस काम में जिला स्तर के अफसरों की भी मदद लेने को कहा गया है।
पलायन रोकने के आदेश
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए जारी लॉकडाउन में प्रवासी कामगारों, मजदूरों का पलायन जारी है। कोई पैदल जा रहा है, तो कुछ किसी तरह जुगाड़ से अपने घरों की ओर लौट रहे हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान बड़े पैमाने पर हो रहे इस पलायन को रोकने के लिए राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी की है।
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