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जिला सिरमौर के पुलिस थाना संगड़ाह में 18 अगस्त 2018 को भादंसं की धारा 341, 323, 506-34 के तहत दर्ज एफआईआर के मामले में पंचायत प्रधान द्वारा डेढ़ साल बाद निकाले गए सम्मन में पीड़ित महिला के पति को ही आरोपी बनाया गया। गांव भूतमढ़ी की निशा देवी पत्नी बबलू चौहान द्वारा उक्त मामले में पंचायत द्वारा असली आरोपी गुनाहगारों की वजाय उसके पति पर कार्यवाही करने संबंधी लिखित शिकायत उपायुक्त सिरमौर को भेजी गई है। शिकायत की प्रति जारी करते हुए पीड़िता ने कहा कि, 18, अगस्त, 2018 को उन्होंने नारायण सिंह, पंकज, रवि व बलिंदर आदि के खिलाफ उनके घर में घुसकर मारपीट करने का केस संगड़ाह थाने में दर्ज करवाया गया।
डेढ़ साल तक उक्त मामले में कार्यवाही न होती देख जब महिला के पति बबलू चौहान द्वारा गत 27 दिसंबर को इस बारे थाना प्रभारी अथवा एसडीपीओ संगड़ाह से आरटीआई के तहत सूचना मांगी गई, तो गनोग पंचायत से उन्हें 7 जनवरी को हाजिर होने का सम्मन जारी किया गया। पंचायत प्रधान ने हाजिर नहीं होने की सूरत में पीड़िता व उसके पति को दंडित करने का फरमान भी जारी कर दिया।
अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाली पीड़िता निशा देवी ने उससे घर में घुसकर मारपीट अथवा अभद्रता करने वालों की वजाय उसके पति को आरोपी बनाए जाने के मामले में जिला प्रशासन से ठोस कार्यवाही की मांग की है। उन्होंने कहा कि, असली आरोपियों को बचाने के लिए ऐसा किया गया है। उधर पंचायत प्रधान गनोग गोपाल सिंह ने कहा कि, गलती से सम्मन में असली आरोपियों की जगह पीड़ित महिला के पति का नाम लिखा गया। उन्होंने कहा कि, उनका अथवा सचिव का महिला के परिवार को परेशान करने का इरादा नहीं था। थाना प्रभारी व एसडीपीओ संगड़ाह ने इस बारे 3, जनवरी, 2020 को आरटीआई के तहत दी गई जानकारी में कहा कि, 2018 में निशा देवी द्वारा दर्ज करवाए गए मामले को आगामी कार्यवाही के लिए गनोग पंचायत कार्यालय एवं न्याययालय को भेजा गया था।
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