न्यूज़ पोर्टल्स:सबकी खबर
कश्मीर घाटी में CRPF और अन्य पैरामिलिटरी जवानों की तेजी से तैनाती के लिए सरकार ने C-17 समेत भारतीय वायुसेना के विमानों को भी सेवा में लगाया है। वहीं, कश्मीर घाटी में मौजूदा हालात के मद्देनजर सरकार ने आर्मी और एयरफोर्स को हाई ऑपरेशनल अलर्ट पर रखा है।
जम्मू-कश्मीर में पिछले लगभग 15 दिनों में भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। 10 हजार अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती के फैसले के हफ्ते के भीतर मोदी सरकार कश्मीर घाटी में 28 हजार और जवानों को भेज रही है। खबरों के मुताबिक, लगभग 28 हजार जवान गुरुवार की सुबह से घाटी में पहुंचने लगे हैं और उन्हें राज्य के अलग-अलग इलाकों में तैनात किया जा रहा है। मोदी सरकार इसे आतंकवाद विरोधी कार्रवाई को और मजबूती देने का कदम बता रही है। हालांकि, इतनी बड़ी संख्या में सुरक्षबलों की तैनाती को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। गृह मंत्रालय का कहना है कि केंद्रीय बलों की तैनाती और वापसी लगातार चलने वाली प्रक्रिया है।
गृह मंत्रालय का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में अर्द्धसैन्य बलों की तैनाती आंतरिक सुरक्षा स्थिति के आकलन और प्रशिक्षण की आवश्यकताओं के आधार पर की गई है। केंद्रीय बलों की तैनाती और वापसी लगातार चलने वाली प्रक्रिया है, सार्वजनिक रूप से इस पर चर्चा नहीं की जा सकती।
इधर, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत गुरुवार को सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए श्रीनगर पहुंच गए हैं। सेना के प्रवक्ता का कहना है कि सेना प्रमुख अगले दो दिनों तक कश्मीर में ही रहेंगे। आपको बता दें कि पिछले हफ्ते ही केंद्र सरकार ने घाटी में 10 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती की थी। अतिरिक्त जवानों की तैनाती का फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के जम्मू-कश्मीर के दो दिन के दौरे से लौटने के बाद लिया गया था।
Recent Comments