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भारतीय नौसेना का एयर स्कॉड्रन 314 आज पोरबंदर के नेवल एयर इंक्लेव में शानदार समारोह में नौसेना के विमान बेड़े में शामिल किया गया। यह छठा डोर्नियर विमान स्कॉड्रन है। वाइस एडमिरल एम.एस. पवार, एवीएसएम, वीएसएम, उप नौसेना प्रमुख समारोह के मुख्य अतिथि थे।समारोह को संबोधित करते हुए एडमिरल एम.एस. पवार ने कहा कि भारतीय नौसेना स्कॉड्रन एनएस (आईएनएएस) 314 को कमीशन किया जाना मैरिटाइम सुरक्षा बढ़ाने तथा उत्तर अरब सागर में निगरानी की दिशा में एक और शानदार प्रयास है। अपनी रणनीतिक जगह के कारण स्कॉड्रन गंभीर क्षेत्र में पहली कार्रवाई करेगा।
आईएनएस 314 का नाम हिंसक पक्षी परिवार के ‘रैपटर्स’ से लिया गया है। स्कॉड्रन के प्रतीक चिह्न में भी विशाल समुद्र में खोज करते रैपटर पक्षी को दिखाया गया है। रैपटर बड़ी हिंसक पक्षी है और उसकी संवेदी क्षमता शानदार होती है। उसके नाखून मजबूत और धारदार होते हैं और उसके मजबूत पंख विमान की क्षमताओं के प्रतीक हैं।स्कॉड्रन बहु-भूमिका वाले एसआरएमआर विमान डोर्नियर का संचालन करेगा। इसका जुड़वा टर्बोप्रॉप ईंजन हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्ल लिमिटेड (एचएएल) ने बनाया है। इसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक युद्ध मिशनों, मैरिटाइम निगरानी, खोज तथा बचाव कार्य और हथियार प्लेटफॉर्म को लक्ष्य डाटा प्रदान करने में किया जाएगा।
नौसेना मेक-इन-इंडिया के माध्यम से स्वदेशी विकास और आत्मनिर्भरता में योगदान करते हुए एचएएल से 12 नये डोर्नियर विमान खरीद रही है। ये विमान अत्याधुनिक संवेदी प्रणाली और ग्लासकॉकपिट अग्रणी निगरानी राडार, ईएलआईएनटी, आप्टिकल सेंशर तथा नेटवर्किंग विशेषताओं सहित उपकरण से लैस हैं। यह स्कॉड्रन चार नई टेक्नोलॉजी वाले अगली पीढ़ी के डोर्नियर विमान को स्वीकार करने और चलाने वाला पहला स्कॉड्रन है।आईएनएएस 314 की कमान अत्यधिक अनुभवी डोर्नियर योग्यताप्राप्त नेविगेशन इंसट्रक्टर कैप्टन संदीप राय ने संभाली है।
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