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November 23, 2024

भारत ने सार्वभौमिक स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल के क्षेत्र में एक और मील का पत्‍थर किया पार

भारत ने 50,000 से ज्‍यादा आयुष्‍मान भारत हेल्‍थ एंड वेल्‍नेस सेंटरों का परिचालन शुरू

News portals-सबकी खबर 

भारत ने सार्वभौमिक स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल के क्षेत्र में एक और मील का पत्‍थर पार कर लिया। अब देशभर में 50,000 (50,025) से ज्‍यादा आयुष्‍मान भारत – हेल्‍थ एंड वेल्‍नेस सेंटरों (एबी-एचडब्‍ल्‍यूसी) में कामकाज शुरू हो गया है। लोगों को उनके घर के नजदीक समन्वित प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल (सीपीएचसी) मुहैया कराने के लक्ष्‍य के साथ दिसंबर, 2022 तक 1.5 लाख एबी-एचडब्‍ल्‍यूसी स्‍थापित किए जाने हैं। 50,000 से ज्‍यादा सेंटर स्‍थापित हो जाने के बाद, लक्ष्‍य का एक-तिहाई प्राप्‍त कर लिया गया है। इससे 25 करोड़ से ज्‍यादा लोगों की वहन योग्‍य प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल सेवा तक पहुंच बन जाएगी।केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड-19 महामारी की चुनौती के बावजूद एचडब्‍ल्‍यूसी में कामकाज शुरू करने में सफलता पाने के लिए राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों को बधाई दी।

उन्‍होंने कहा, ‘यह कार्य योजना बनाने, सभी स्‍तरों पर निगरानी रखने, प्रक्रिया के मानकीकरण, राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों को दिए गए कार्यों के लिए दर्शाए लचीलेपन और अब तक तैयार स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था में सुधार के प्रति केन्‍द्र और राज्‍य/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के संयुक्‍त प्रयासों के फलस्‍वरूप संभव हो पाया है।’ स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने अग्रिम पंक्ति के स्‍वास्‍थ्‍य कार्यकर्ताओं, चिकित्‍सा अधिकारियों, सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों और आशा कार्यकर्ताओं का खासतौर से धन्‍यवाद किया और कहा कि समन्वित प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल सेवा प्रदान करने और लाखों लोगों को इस मुश्किल समय में अनिवार्य स्‍वास्‍थ्‍य सेवा मुहैया कराने की उनकी प्रतिबद्धता से ही यह संभव हो सका। उन्‍होंने कहा, ‘ये लोग ही स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल सुविधा व्‍यवस्‍था की रीढ़ हैं। उन्‍होंने कोविड काल में अपना अदभुत योगदान दिया।’ एचडब्‍ल्‍यूसी ने वायरस के संचार, संपर्कों की पहचान, सामुदायिक निगरानी, मामलों की तत्‍काल पहचान और शिशुओं, वृद्धों तथा संबद्ध रोगों से ग्रस्‍त लोगों को सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और गैर-कोविड अनिवार्य स्‍वास्‍थ्‍य सेवा प्रदान करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई।

असम के एक एचडब्‍ल्‍यूसी में कोविड-19 की स्‍क्रीनिंग

आयुष्‍मान भारत योजना 2018 में शुरू की गई और इसकी दो महत्‍वपूर्ण शाखाएं हेल्‍थ एंड वेल्‍नेस सेंटर (एचडब्‍ल्‍यूसी) और प्रधानमंत्री जन आरोग्‍य योजना (पीएमजेएवाई) थीं। इनका उद्देश्‍य स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल से संबंधित हर तरह की सेवाएं अबाध रूप से उपलब्‍ध कराना था। पहले एबी-एच्‍डब्‍ल्‍यूसी की शुरुआत माननीय प्रधानमंत्री  नरेन्‍द्र मोदी ने छत्‍तीसगढ़ के बीजापुर जिले के झांगला में 14 अप्रैल, 2018 को की थी।हेल्‍थ एंड वेल्‍नेस सेंटर लोगों को सीपीएचसी सेवाएं उपलब्‍ध कराते हैं और प्रजनन संबंधी, मातृत्‍व संबंधी, नव प्रसूता संबंधी, शिशु और किशोरों संबंधी तथा पोषण संबंधी (आरएमएनसीएचए+एन) सेवाएं मुहैया कराने के साथ-साथ संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिए प्रयास करते हैं। ये रोगों की रोकथाम, खासतौर से दुसाध्‍य और गैर-संचारी रोगों के निवारण, समुदाय को शामिल करते हुए स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं तथा स्‍वस्‍थ जीवन शैली, पर्याप्‍त पोषण और योग जैसी शारीरिक क्रियाओं के संबंध में जागरूकता फैलाने का काम भी करते हैं। एचडब्‍ल्‍यूसी के दल में एक प्रशिक्षित सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी, एक या दो स्‍वास्‍थ्‍य कार्यकर्ता और 5 से 8 आशाकार्यकर्ता होते हैं। इस दल के पास निश्चित कार्य होते हैं, जिसके तहत ये सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम और प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल कार्यक्रम चलाकर स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं को जनता तक पहुंचाते हैं।

यह 50,025 एबी- एचडब्‍ल्‍यूसी देश के 678 जिलों में फैले हुए हैं और इनमें 27,890 उप-स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र, 18,536 प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र तथा 3,599 शहरी प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र शामिल हैं। इन सभी एबी-एचडब्‍ल्‍यूसी में अब तक 28.10 करोड़ से ज्‍यादा लोग इलाज के लिए आ चुके हैं, जिनमें से 53 प्रतिशत से ज्‍यादा महिलाएं हैं। अब तक 6.43 करोड़ लोगों की उच्‍च रक्‍तचाप के लिए, 5.23 करोड़ की मधुमेह के लिए और 6.14 करोड़ की कैंसर के लिए स्‍क्रीनिंग की गई है। करीब 1.0 करोड़ लोगों को उच्‍च रक्‍तचाप के लिए और 60 लाख से ज्‍यादा तो मधुमेह के लिए नि:शुल्‍क दवाएं दी जा चुकी हैं।

त्रिपुरा के एक एचडब्‍लयूसी में सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी उच्‍च रक्‍तचाप की स्‍क्रीनिंग करते हुए

एबीएचडब्‍ल्‍यूसी कार्यक्रम के तहत स्‍वास्‍थ्‍य पर ध्‍यान केन्द्रित करना एक नई पहल है। इन केन्‍द्रों में 30 लाख से ज्‍यादा स्‍वास्‍थ्‍य सत्र आयोजित किये जा चुके हैं, जिनमें योग, जूम्‍बा, सामुदायिक दौड़, शिरोधारा और ध्‍यान लगाना जैसी गतिविधियां कराई जाती हैं।

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ओडिशा के फूबाशाही खोरधा के एक एचडब्‍ल्‍यूसी में योग सत्र

एचडब्‍ल्‍यूसी स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के ई-संजीवनी मंच को लागू करने में भी बहुत महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके तहत ई-संजीवनी ‘रोगी से डॉक्‍टर ओपीडी’ और ई-संजीवनी एचडब्‍ल्‍यूसी ‘डॉक्‍टर से डॉक्‍टर के बीच टेलीकंसल्‍टेशन सेवा’ मुहैया कराते हैं। 23,103 एचडब्‍ल्‍यूसी ने नागरिकों को टेलीकंसल्‍टेशन सेवाएं प्रदान करना शुरू कर दिया है। 7.5 लाख से ज्‍यादा टेलीकंसल्‍टेशन्‍स इन मंचों के माध्‍यम से की जा चुकी हैं। ई-संजीवनी एचडब्‍ल्‍यूसी नवम्‍बर, 2019 में शुरू की गई थी। इसे दिसंबर, 2022 तक ‘हब एंड स्‍पोक’ मॉडल के जरिए सभी 1.5 लाख हेल्‍थ एंड वेल्‍नेस सेंटरों में लागू किया जाना है। राज्‍यों को चिकित्‍सा महाविद्यालयों और जिला अस्‍पतालों में समर्पित ‘हब’ स्‍थापित करने होंगे, ताकि ‘स्‍पोक’ यानी एचडब्‍ल्‍यूसी को टेलीकंसल्‍टेशन सेवाएं मुहैया कराई जा सकें।

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