News portals-सबकी खबर (राजगढ़ ) केलाश चौहान
मौसम में बदलाव के साथ समय पर वर्षा न होने के कारण हर साल जल की कमी होने से किसानों व बागवानों को अपने खेतों व बगीचों में फल, फसल व सब्जियां इत्यादि तैयार करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। ऐसी ही समस्या जिला सिरमौर के सराहां विकास खण्ड के ग्राम पंचायत नारग के गांव चाकला के विनय तोमर को भी पेश आ रही थी। उनका कहना है कि समय पर बारिश न होने से खेतों में लगाई गई फसल व सब्जियां तैयार होने से पहले ही सूख कर बर्बाद हो जाती थी। खेतों में दिन-रात कड़ी मेहनत करने वाले विनय तोमर ने सिंचाई सुविधा के अभाव के कारण अपने खेतों को बंजर ही छोड़ने का मन बना लिया था।
लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा किसानों व बागवानों के लिए चलाई गई ’’व्यक्तिगत टैंक सिंचाई योजना’’ तथा ’’ड्रिप और स्प्रिंकलर योजना’’ के बारे में पता चलने पर विनय तोमर के मन में फिर से खेती-बाड़ी करने की उम्मीद जगी। इसी उम्मीद के साथ उन्होंने कृषि विभाग के उप-मंडलीय भू-संरक्षण अधिकारी कार्यालय राजगढ़ में संपर्क किया। संपर्क करने पर अधिकारी द्वारा उन्हें जानकारी दी गई कि प्रदेश सरकार द्वारा विभाग के माध्यम से किसानों को खेतों की सिंचाई के लिए जल भंडारण टैंक बनाने के लिए 50 प्रतिशत सहायता शशि प्रदान की जा रही है तथा ड्रिप और स्प्रिंकलर योजना के अन्र्तगत किसानों को 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ड्रिप व स्प्रिंकलर विधि का उपयोग कर किसान कम पानी से भी फसलों को अधिक पानी दे सकते हैं।
कृषि विभाग से सिंचाई के लिए पानी का टैंक तथा ड्रिप और स्प्रिंकलर विधि संबंधि जानकारी मिलने पर विनय तोमर ने खेतों की सिंचाई के लिए ’’व्यक्तिगत टैंक सिंचाई योजना’’ के तहत टैंक निर्माण तथा ’’ड्रिप और स्प्रिंकलर योजना’’ के अन्तर्गत स्प्रिंकलर लगाने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज के साथ कृषि विभाग राजगढ़ में आवेदन किया। आवेदन करने के बाद कृषि विभाग द्वारा टैंक निर्माण तथा ड्रिप स्प्रिंकलर लगाने के लिए राशि प्रदान की गई।
प्रदेश सरकार द्वारा चलाई गई इस योजना की सहायता से विनय तोमर ने 72 हजार रूपये की लागत से सिंचाई टैंक का निर्माण तथा 20 हजार रूपये व्यय कर स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली स्थापित की, जिसपर प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें टैंक के निर्माण के लिए 36 हजार रूपये और स्प्रिंकलर के लिए 16 हजार रूपये यानि कि कुल मिला कर 52 हजार रूपये का उपदान दिया गया, जबकि विनय तोमर ने टैंक और स्प्रिंकलर के लिए केवल 40 हजार रूपये ही अपनी जेब से खर्च किए।
विनय तोमर का कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा चलाई गई इस योजना की सहायता से उन्होंने 20 हजार लीटर क्षमता वाला पानी के टैंक का निर्माण किया है और अब इस की सहायता से खेतों की सिंचाई भी कर रहे हैं। सिंचाई सुविधा मिलने से मक्की, गेहूं और जौ आदि पारंपरिक फसलों के अलावा अब वह टमाटर, आलू, लहसुन व मटर आदि नकदी फसल भी उगा रहे हैं तथा मौसम शुष्क रहने या वर्षा न होने की स्थिति में फसलों की सिंचाई कर अच्छी आमदनी भी प्राप्त कर रहे हैं। इस बार उन्हें लगभग दो से तीन लाख रूपये का लाभ भी हुआ है।
उनका कहना है कि स्प्रिंकलर विधि से सिंचाई में पानी को छिड़काव के रूप में किया जाता है, जिससे पानी पौधों पर बारिश की बूंदों की तरह पड़ता है। पानी की बचत और उत्पादकता के हिसाब से भी स्प्रिंकलर विधि ज्यादा उपयोगी है। ये सिंचाई तकनीक किसानों व बागवानों के लिए काफी लाभदायक साबित हो रही है। पहले उन्हें खेतों में फसल व सब्जियां उगाने के लिए बारिश पर ही निर्भर रहना पड़ता था और सिंचाई का साधन नहीं होने के कारण फसल व सब्जियां खराब हो जाती थी, लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा चलाई गई इस योजना से यह चिन्ता भी दूर हो गई है।
विनय तोमर ने इस योजना का लाभ प्रदेश के किसानों व बागवानों के खेतों तक पहुंचाने और कृषि उत्पादों को सिंचाई की बेहतर सुविधा प्रदान कर किसानोें के जीवन में खुशहाली लाने के लिए प्रदेश सरकार तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का आभार व्यक्त किया है।
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