News portals-सबकी खबर (नाहन )
जिला के नाहन स्थित जिला आयुर्वेद अस्पताल गत आठ महीने से सौतेले बच्चे की तरह काम कर रहा है। आयुर्वेद अस्पताल में मार्च माह से इंडोर की सुविधा बंद है। जिला भर से आयुष पद्धति पर अपने विभिन्न रोगों का उपचार करवा रहे लोगों को जिला आयुर्वेद अस्पताल नाहन के इंडोर विभाग में आईपीडी की सुविधा नहीं मिल रही है। कारणवश जिला के विभिन्न हिस्सों से आयुर्वेद चिकित्सा उपचार के लिए नाहन आने वाले लोगों को ओपीडी में चिकित्सक को दिखाने के बाद अपने घरों को वापस रवाना होना पड़ता है।
हैरानी की बात तो यह है कि जिला आयुर्वेद अस्पताल नाहन का जो अपना भवन मेडिकल कालेज नाहन के साथ में था उसे कोविड लैब व कोविड वार्ड के लिए आयुर्वेद विभाग से ले लिया गया है तथा आयुर्वेद विभाग को सौतेले बच्चे की तरह राजकीय महाविद्यालय नाहन के पुराने साइंस ब्लॉक में कुछ अस्थायी परिवर्तन कर शिफ्ट कर दिया गया है। फिलहाल साइंस ब्लॉक के इस भवन में केवल ग्राउंड फ्लोर में ही जिला सिरमौर के जिला आयुर्वेद अस्पताल को कुछ हिस्से में एडजेस्ट किया गया है। इसके अलावा इस पांच मंजिला भवन की ग्राउंड फ्लोर व पहले मंजिल के हिस्से को आयुष कोविड अस्पताल बनाया गया है। गौर हो कि जिला आयुर्वेद अस्पताल के भवन को गत अप्रैल माह से कोविड लैब व कोविड वार्ड में तबदील कर दिया गया है जिसके बाद पूरी तरह से आयुर्वेद विभाग के इस भवन को अब मेडिकल कालेज के अधीन कर दिया गया है।
आयुर्वेद विभाग को यहां से शिफ्ट कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक सरकार के सचिव स्तर पर पूरी तरह से यह तय किया गया था कि आयुर्वेद अस्पताल को तभी यहां से शिफ्ट किया जाएगा जब पूरी सुविधाएं आयुर्वेद विभाग को नए भवन में उपलब्ध करवाई जाएंगी। कोविड का हवाला देकर आयुर्वेद विभाग से आयुर्वेद अस्पताल के अपने भवन को पूरी तरह से खाली तो करवा दिया गया है, परंतु विभाग को जो नाहन महाविद्यालय का साइंस ब्लॉक है उसके केवल छोटे से हिस्से में अभी एडजेस्ट किया गया है।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक जिला आयुर्वेद अस्पताल को साइंस ब्लॉक में शिफ्ट करने के लिए मेडिकल कालेज नाहन द्वारा 1.92 करोड़ रुपए की राशि आयुर्वेद विभाग को भवन के निर्माण के लिए दी जानी थी, परंतु अभी यह राशि भी जारी नहीं हुई है। जिला आयुर्वेद विभाग की ओर से पूरी फाइल बनाकर विभाग व सचिव के साथ-साथ प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य एवं आयुर्वेद मंत्री को सौंप दी गई है, परंतु अभी इस दिशा में कोई कार्य आगे नहीं बढ़ पा रहा है।
उधर, इस सिलसिले में जिला आयुर्वेद अधिकारी सिरमौर डा. राजेंद्र देव शर्मा से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिला आयुर्वेद अस्पताल की आईपीडी, पंचकर्मा व अन्य सुविधाएं बंद पड़ी हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल कालेज से 1.92 करोड़ रुपए की राशि मिलनी थी वह नहीं मिली है। डा. राजेंद्र देव शर्मा ने बताया कि जिला आयुर्वेद अस्पताल की रोगी कल्याण समिति व अन्य कार्य भी पूरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में पूरी रिपोर्ट व फाइल सरकार को दी गई है।
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