News portals-सबकी खबर (पांवटा साहिब )
रविवार को मौसम के अचानक बिगड़े मिजाज के चलते किसान की गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है। भारी बारिश के चलते सिरमौर जिले के निचले क्षेत्रों (मैदानी इलाकों) में गेहूं की खेतों में कटी और खड़ी फसल तबाह हो गई है। इससे किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
नाहन और पांवटा तहसील के तहत आने वाली दर्जनों पंचायतों के गांव में बारिश से किसानों को निराशा हाथ लगी है। गेहूं के खेत पानी से भर गए। खेतों में ही पकी गेहूं की फसल भीग गई। गोरतलब हो की इन दिनों नाहन और पांवटा इलाके के साथ-साथ सैनधार, धारटीधार और गिरिपार इलाके के कई क्षेत्रों में गेहूं की फसल पककर तैयार हो चुकी है। दर्जनों पंचायतों में गेहूं की कटाई चल रही है, तो कई जगह थ्रेसिंग का कार्य भी प्रगति पर है। रविवार को अचानक खराब हुए मौसम के बाद कई किसानों को खेतों में कटी गेहूं की फसल को इकट्ठा करने का मौका तक नहीं मिला। सूखने के लिए खेतों में रखी कटी फसल बारिश से भीग गई। कई जगह तूफान से भी इस फसल को नुकसान हुआ है।
नाहन तहसील के तहत आने वाले कालाअंब, कौलांवालाभूड़ क्षेत्रों के साथ-साथ ग्राम पंचायत देवका-पुडला, जामली कठाना, काटल, कंडयीवाला, धौलाकुआं, माजरा और कोलर आदि कई क्षेत्रों में गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है। जामली कठाना क्षेत्र के किसान जय किशोर शर्मा, रविंद्र सिंह पंवार, राकेश ठाकुर, बलिंदर सिंह पवार, सुरेंद्र सिंह पंवार, बलवीर सिंह चौहान, रणवीर सिंह, चमन मोहिल, ईश्वरी सिंह, अमर सिंह, ज्ञान सिंह, भूपेंद्र सिंह आदि ने बताया कि बेमौसमी बारिश के कारण गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है।
बारिश से खेतों में कटी फसल को अधिक नुकसान पहुंचा है। जबकि, खड़ी फसल भी खराब हो गई है। गेहूं के खेतों में बारिश का पानी भर गया है। ऐसे में गेहूं की फसल इकट्ठा करना मुश्किल है। किसानों ने कृषि विभाग और सरकार से मांग की कि बारिश से तबाह हुई गेहूं की फसल का जायजा लिया जाए। साथ ही किसानों को खराब फसल का उचित मुआवजा दिया जाए।
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