News Portals सबकी खबर(शिमला)
प्रदेश हाई कोर्ट में फिरौती के लिए बच्चे की हत्या करने वाले दोषियों के मृत्युदंड पर सुनवाई 16 नवंबर को निर्धारित की गई है। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि मामले पर सुनवाई लगातार करने की कोशिश की जाएगी। मामला सत्र न्यायाधीश की ओर से रेफरेंस के तौर पर हाई कोर्ट के समक्ष रखा गया है। इस मामले में तीनों दोषियों ने भी अपील के माध्यम से सत्र न्यायाधीश के फैसले को चुनौती दी है।मामला सत्र न्यायाधीश की ओर से रेफरेंस के तौर पर हाईकोर्ट के समक्ष रखा गया है| इस मामले में तीनों दोषियों ने भी अपील के माध्यम से सत्र न्यायाधीश के फैसले को चुनौती दी है| उल्लेखनीय है कि तीन दोषियों को फिरौती के लिए चार साल के मासूम युग की अपहरण के बाद निर्मम हत्या करने पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिमला की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है| 6 सितम्बर 2018 को तीनों दोषी चंद्र शर्मा, तेजिंद्र पाल और विक्रांत बख्शी को सजा सुनाते हुए न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने इस अपराध को दुर्लभ में दुर्लभतम श्रेणी के दायरे में पाया है|बता दे कि 14 जून 2014 को शिमला के रामबाजार से 4 साल का मासूम युग रहस्मयी ढंग से लापता हो गया था| दो साल बाद अगस्त 2016 को भराड़ी में पानी के टैंक से युग का कंकाल मिला| युग को छोड़ने के बदले में आरोपियों ने उसके पिता विनोद कुमार से साढ़े तीन करोड़ की फिरौती मांगी थी| फिरौती न मिलने पर आरोपियों ने युग की हत्या कर उसके शव को पानी की टैंक में फेंक दिया|दो साल तक युग का कोई पता नहीं चला| बाद में उसका कंकाल टैंक से मिला था| मामले में आरोपी (अब दोषी करार)चंद्र शर्मा, तेजेंद्र पाल और विक्रांत, तीनों युग के पड़ोसी हैं|सीआईडी ने इस केस में 2300 पन्नों की चार्जशीट बनाई है| चार साल की सुनवाई के बाद साल 2018 में आरोपियों को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी| मामले में 20 फरवरी, 2017 को ट्रायल शुरू हुआ था और छह अगस्त 2018 को तीनों हत्या में दोषी करार दिए गए| 562 दिन बाद 5 सितंबर को जज वीरेंद्र ने फांसी की सजा पर मोहर लगाई थी| जज ने 450 पेजों की जजमेंट तैयार की थी|
Recent Comments