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हिमचल प्रदेश में शिक्षा सचिव ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के माध्यम से सभी जिला उप निदेशकों और स्कूल प्रभारियों को बिना जांच रिपोर्ट आए सरकारी सकूलो में वर्दी नहीं बांटने के निर्देश दिए हैं। कहा कि निर्देशों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि कंपनी की ओर से दी जा रही वर्दी की गुणवत्ता पर सवाल न उठे, इसके लिए सभी स्कूल प्रभारियों को उनके पास पहुंची सप्लाई में से रैंडम सैंपलिंग करवाने को कहा गया है। वर्दी का आवंटन तभी किया जाएगा, अगर जांच रिपोर्ट में सैंपल पास होंगे। अगर किसी जगह प्रति के सैंपल फेल होते हैं तो स्कूलों में दी गई सारी सप्लाई कंपनी को वापस भेजी जाएगी। बीते दिनों जिला बिलासपुर में बिना सैंपल रिपोर्ट आए ही वर्दी को बांटने का मामला सामने आया था। अब कुछ अन्य स्कूलों से भी इस तरह की शिकायतें शिक्षा विभाग के पास पहुंची हैं।
इसकी सूचना जिला उपनिदेशक के माध्यम से प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय में भी देनी होगी। शिक्षा सचिव ने बताया कि भर्ती के सैंपल जांचने के लिए अभी सरकार की ओर से दिल्ली स्थित श्रीराम लैब ही अधिकृत की गई है। प्रदेश के सभी स्कूलों से जांच के लिए इस लैब में सैंपल भेजने की वजह से रिपोर्ट आने में काफी समय लग जाता है। ऐसे में सरकार विचार कर रही है कि केंद्र सरकार से मंजूर अन्य लैब को भी सैंपल जांचने का काम दिया जाए। इसके लिए सरकार संबंधित अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। जल्द ही जांच लैब का दायरा बढ़ाया जाएगा।
शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को दी जाने वाली स्मार्ट वर्दी को खरीदने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में पहली बैठक हो गई है। जल्द प्रस्ताव बनाकर कैबिनेट की मंजूरी को भेजा जाएगा। शिक्षा विभाग ने अगले वर्ष मार्च-अप्रैल तक वर्दी के आवंटन का लक्ष्य रखा है।
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