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November 15, 2024

डिजिटल प्रौद्योगिकी और गवर्नेंस के नाम से जाना जाएगा आईटी विभाग

News portals-सबकी खबर (शिमला ) डिजिटल प्रौद्योगिकी और डिजिटल परिवर्तन के बदलते समय के अनुरूप प्रदेश सरकार द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का नाम बदलकर डिजिटल प्रौद्योगिकी और गवर्नेंस विभाग किया गया है। प्रदेश मंत्रिमंडल ने हाल ही में इसकी स्वीकृति दी है। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश संभवतया भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसके विभाग को डिजिटल नामकरण प्राप्त हुआ है। प्रदेश सरकार यह निर्णय राज्य को डिजिटल रूप से उन्नत और आधुनिक राज्य में बदलने की अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सचिव सूचना प्रौद्योगिकी, डॉ. अभिषेक जैन ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी विभाग वर्ष 1999 में स्थापित हुआ था जिसका वर्ष 2002 में उद्योग विभाग में विलय कर दिया गया। वर्ष 2004 में उद्योग विभाग से विभाजित कर जैव-प्रौद्योगिकी के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग में इसका विलय कर दिया गया। 13 अप्रैल, 2007 को आईटी विभाग से जैव-प्रौद्योगिकी और विज्ञान और प्रौद्योगिकी को अलग कर इसे एक स्वतंत्र विभाग के रूप में अस्तित्व में लाया गया। हालांकि, बदलते समय के साथ विभाग द्वारा किए जा रहे कई कार्य अप्रचलित हो गए थे और कई नवीन बदलावों की आवश्यकता महसूस होने लगी थी।
उन्होंने कहा कि यह पहली बार है कि विभाग का विजन और मिशन स्टेटमेंट तैयार किया गया है। डिजिटल प्रौद्योगिकी में तेजी से प्रगति के मद्देनजर, विभाग की भूमिका और जिम्मेदारियो में भी बदलाव देखने को मिला है और अब इसमें डिजिटल प्रौद्योगिकी का समावेश देखने को मिल रहा है।
इस विभाग का लक्ष्य हिमाचल प्रदेश के विभागों का डिजिटलीकरण कर राज्य में प्रभावी शासन और समावेशी विकास के नए युग की स्थापना करना है।
राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में डिजिटल प्रौद्योगिकी के कार्यान्वयन के अवसरों को देखते हुए, विभागों के चार मुख्य क्षेत्र डिजिटल प्रौद्योगिकी के दायरे में आएंगे। इनमें डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, डाटा गवर्नेंस, समावेशी विकास के लिए डिजिटल परिवर्तन और आईटी निवेश तथा उद्योग संवर्धन शामिल है। इनमें आगे डिजिटल प्रौद्योगिकी, टेली-संचार, ई-गवर्नेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, साइबर-सुरक्षा, उभरती प्रौद्योगिकी जैसे कृत्रिम मेधा, ड्रोन और ड्रोन-आधारित सेवाएं, मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स,  ब्लॉक चेन और बिग डेटा एनालिटिक्स को बढ़ावा देने के लिए नीतियां विकसित करना और लागू करना शामिल है। इसमें विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों के लिए प्रभावी मानचित्रण, डेटा प्रबंधन और विश्लेषण के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) प्रौद्योगिकी का एकीकरण और कार्यान्वयन, उभरती प्रौद्योगिकी सहित सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना शामिल है।
संशोधित नियमों में राज्य डेटा सेंटर, स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क सहित राज्य में उभरती डिजिटल प्रौद्योगिकी, विकास, प्रबंधन और डिजिटल बुनियादी ढांचे के उन्नयन में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा, उद्योग और सरकार के बीच सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देना शामिल है।
इसमें नागरिकों और सरकारी संगठनों को हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी और बेहतर संचार सेवाएं प्रदान करने के लिए टेलीकम्यूनिकेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर को लागू करने और अपग्रेड करने में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को सहायता प्रदान करना शामिल है, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों सहित सभी नागरिकों के लिए डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर की पहुंच और सामर्थ्य सुनिश्चित हो सके।
डॉ. जैन ने कहा कि आईटी विभाग अब अपनी नई पहचान के तहत सभी हितधारकों को जोड़कर उन्हें डिजिटल प्रौद्योगिकी के लाभों से जोड़ेगा और प्रदेश के लोगों को भी डिजिटलीकरण के फायदों से जोड़ने के लिए अधिक पेशेवर तरीके से कार्य करेगा।

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