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हिमाचल में पहली से पांचवीं कक्षाओं के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए जेबीटी/डीएलएड ही पात्र होंगे।सरकार ने नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजूकेशन को पत्र जारी कर यह स्पष्ट कर दिया है। बीते डेढ़ वर्ष से शिक्षकों की पात्रता को लेकर जारी विवाद पर स्थिति स्पष्ट करते हुए शिक्षा सचिव ने जारी पत्र में कहा है कि बीएड डिग्री धारक पहली से पांचवीं कक्षाओं को पढ़ाने के लिए पात्र नहीं होंगे। इन्हें छठी से 12वीं कक्षाओं को पढ़ाने के लिए ही पात्र माना जाएगा।
सरकार ने हजारों जेबीटी-डीएलएड प्रशिक्षुओं के हितों को ध्यान में रखते हुए् यह फैसला लिया है। अब स्कूलों में 1800 जेबीटी के पद भरने का रास्ता साफ हो गया। नेशनल कांउसिल फॉर टीचर एजूकेशन ने बीते साल राज्यों को जारी पत्र में जेबीटी/डीएलएड के साथ-साथ बीएड डिग्री धारकों का भी प्राइमरी कक्षाओं को पढ़ाने के लिए पात्र होने के आदेश जारी किए थे।
सरकार ने इन आदेशों को उस समय लागू न करते हुए कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को जेबीटी की सीधी भर्ती पुराने आरएंडपी नियमों के तहत ही करने को कहा था। भर्ती प्रक्रिया शुरू होते ही कुछ बीएड डिग्री धारक हाईकोर्ट चले गए थे। इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में 11 नवंबर को सुनवाई भी है।
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