Breaking News :

मौसम विभाग का पूर्वानुमान,18 से करवट लेगा अंबर

हमारी सरकार मजबूत, खुद संशय में कांग्रेस : बिंदल

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 7.85 करोड़ रुपये की जब्ती

16 दिन बाद उत्तराखंड के त्यूणी के पास मिली लापता जागर सिंह की Deadbody

कांग्रेस को हार का डर, नहीं कर रहे निर्दलियों इस्तीफे मंजूर : हंस राज

राज्यपाल ने डॉ. किरण चड्ढा द्वारा लिखित ‘डलहौजी थू्र माई आइज’ पुस्तक का विमोचन किया

सिरमौर जिला में स्वीप गतिविधियां पकड़ने लगी हैं जोर

प्रदेश में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निवार्चन के लिए तैयारियां पूर्ण: प्रबोध सक्सेना

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस ने किया ओएनडीसी पर क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन

इंदू वर्मा ने दल बल के साथ ज्वाइन की भाजपा, बिंदल ने पहनाया पटका

November 23, 2024

जेबीटी बेरोजगार संघ ने आज न्यायालय का फैसला आने के बाद किया स्वागत

News portals-सबकी खबर (हिमाचल प्रदेश)

हिमाचल प्रदेश जेबीटी बेरोजगार संघ ने आज राजस्थान जोधपुर उच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद स्वागत किया है। जिसमें सन 2018 की एनसीटीई की अधिसूचना को रद्द किया है अंतिम फैसला बीएसटीसी यानी जेबीटी के पक्ष में ही सुनाया गया है। जिसमें जेबीटी के स्थान पर जेबीटी की ही नियुक्ति होगी। यह केस b.ed बनाम बीएसटीसी यानी जे.बी.टी सन 2018 से उच्च न्यायालय राजस्थान में विचाराधीन था।हिमाचल प्रदेश में भी b.ed बनाम जेबीटी केस सन 2018 से हिमाचल उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। जिसकी सुनवाई 12 नवंबर को सभी पक्षों को सुनकर अंतिम फैसला को रिजर्व रखा गया है अभी तक अंतिम सुनवाई नहीं हो पाई है। जिसकी अंतिम सुनवाई 26 नवंबर को होगी। परंतु वहां राजस्थान उच्च न्यायालय ने एनसीटीई की सन 2018 अधिसूचना को खारिज करके लेवल एक से पांचवीं तक केवल बीएसटीसी यानी जेबीटी को रखने के पक्ष ने अपना निर्णय सुनाया है।

जिसका हिमाचल प्रदेश जेबीटी रोजगार संघ के अध्यक्ष अभिषेक ठाकुर सचिव मोहित ठाकुर तथा अन्य सदस्य विक्की चौधरी ,दीपक ठाकुर, तांबरी भाटिया ,नीलम शर्मा, पंकज शर्मा, अजय मंडवाल, ओंकार ठाकुर, इंदर ठाकुर, बबली शर्मा मनीष, करण पराशर आदि ने स्वागत किया है। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय को भी राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले के आधार पर अपना अंतिम निर्णय सुनाना चाहिए। ताकि जेबीटी अभ्यर्थियों को उनका हक मिल सके। सरकार को भी अपना पक्ष मजबूती से रखना चाहिए , जिससे 40000 रोजगार प्रशिक्षुओं का भविष्य सुरक्षित हो सके। प्रदेश में इस समय 3000 पद जेबीटी के खाली चल रहे है। जिससे बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। प्रदेश मे बहुत सारे स्कूल बिना अध्यापक के चल रहे हैं। सन 2018 के बाद इस केस के कारण जेबीटी का एक भी पद नहीं भरा गया। प्रदेश सरकार को भी राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले के आधार पर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने अपना पक्ष मजबूती के साथ रखना चाहिए। तथा जेबीटी के पद पर जेबीटी की ही नियुक्ति होनी चाहिए। ताकि जल्दी से जल्दी जेबीटी के खाली चल रहे पदों को भरा जाए। तथा स्कूलों में बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सके और जेबीटी बेरोजगारों को उनका अधिकार मिल सके। इसके लिए हिमाचल प्रदेश के लगभग 40000 जेबीटी बेरोजगार तथा उनका परिवार प्रदेश सरकार का हमेशा ऋणी रहेगा।

Read Previous

26 नवम्बर को 23 स्थानों पर होगा कॉविड -19 टीकाकरण

Read Next

सिरमौर की तीन पंचायतों की मतदाता सूचियों में संशोधन हेतु संबंधित खंड विकास अधिकारी को पुनरीक्षण प्राधिकारी किया नियुक्त

error: Content is protected !!