Breaking News :

मौसम विभाग का पूर्वानुमान,18 से करवट लेगा अंबर

हमारी सरकार मजबूत, खुद संशय में कांग्रेस : बिंदल

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 7.85 करोड़ रुपये की जब्ती

16 दिन बाद उत्तराखंड के त्यूणी के पास मिली लापता जागर सिंह की Deadbody

कांग्रेस को हार का डर, नहीं कर रहे निर्दलियों इस्तीफे मंजूर : हंस राज

राज्यपाल ने डॉ. किरण चड्ढा द्वारा लिखित ‘डलहौजी थू्र माई आइज’ पुस्तक का विमोचन किया

सिरमौर जिला में स्वीप गतिविधियां पकड़ने लगी हैं जोर

प्रदेश में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निवार्चन के लिए तैयारियां पूर्ण: प्रबोध सक्सेना

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस ने किया ओएनडीसी पर क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन

इंदू वर्मा ने दल बल के साथ ज्वाइन की भाजपा, बिंदल ने पहनाया पटका

November 23, 2024

जेपी ने सत्ता से बाहर रहकर परिवर्तन करने का एक उत्कृष्ट उदाहरण देश के सामने रखा

News portals- सबकी खबर (नई दिल्ली) केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर आज बिहार में उनकी जन्मभूमि सिताब दियारा में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया और एक जनसभा को संबोधित किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केन्द्रीय मंत्री अश्विन चौबे और नित्यानंद राय समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर जयप्रकाश नारायण की आदमकद प्रतिमा को लगाने का प्रण था और आज जयप्रकाश की 121वीं जन्म जयंती पर वह प्रण पूरा हो गया है। शाह ने कहा कि जयप्रकाश नारायण का जीवन अनेक विशेषताओं से भरा हुआ था, जयप्रकाश ने आजादी के लिए न केवल क्रांति के रास्ते से लड़ाई लड़ी बल्कि उन्होंने गांधीजी के बताए मार्ग को भी अपनाया। आजादी के बाद जब सत्ता लेने का समय आया तो जयप्रकाश एक सन्यासी की भाँति विनोबा भावे के साथ सर्वोदय की आंदोलन से जुड़ गए। जयप्रकाश नारायण ने अपना पूरा जीवन देशभर के भूमिहीनों, गरीबों, दलितों और पिछड़ों को समर्पित कर दिया। गृह मंत्री ने कहा कि जयप्रकाश ने समाजवाद, सर्वोदय की विचारधारा और जातिविहीन समाज की रचना की कल्पना को साकार करने के लिए अनेक नए-नए प्रकल्प दिए। मगर देश के लिए उनका सबसे बड़ा योगदान 1970 के दशक में भ्रष्टाचार और सत्ता में चूर शासनाधिकारियों द्वारा लगाए गए आपातकाल के खिलाफ किया गया आंदोलन रहा। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 1973 में गुजरात में तत्कालीन सरकार ने सार्वजनिक रूप से सरकार को चंदा उगाहने का काम दिया जिसके चलते भ्रष्टाचार की गंगा शुरू हुई। इसके खिलाफ गुजरात के विद्यार्थियों ने जयप्रकाश नारायण जी के नेतृत्व में कड़ा आंदोलन किया और गुजरात में सत्ता बदल दी। उसके बाद बिहार में आंदोलन किया गया और बिहार के गांधी मैदान की रैली देखकर तत्कालीन प्रधानमंत्री के पसीने छूट गए थे। इसके बाद देश में आपातकाल कि घोषणा कर दी गई और जेपी के साथ साथ विपक्ष के कई नेताओं को जेल में डाला गया। तत्कालीन प्रधानमंत्री का मानना था कि जेल में डालने से जेपी, मोरारजी भाई, आडवाणी और अटल जैसे नेताओं के हौसले पस्त होंगे। मगर 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में हजारीबाग की जेल जिन्हें न रोक सकी उन जयप्रकाश को तत्कालीन प्रधानमंत्री की यातना भी न रोक पाई। शाह ने कहा कि जयप्रकाश नारायण ने आपातकाल थोपने वाली भ्रष्टाचारी व अन्यायी शासन के विरुद्ध पूरे विपक्ष को एकजुट कर देश में पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनाई। जेपी ने सत्ता से बाहर रहकर परिवर्तन करने का एक उत्कृष्ट उदाहरण देश के सामने रखा। अमित शाह ने कहा कि जयप्रकाश नारायण और विनोबा भावे जी के सर्वोदय के सिद्धांत को अंत्योदय के साथ जोड़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीब कल्याण का अभूतपूर्व कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 60 करोड़ गरीबों को 5 लाख से अधिक का स्वास्थ्य बीमा हर गरीब के घर में गैस और शौचालय का प्रबंध, ढ़ाई साल तक हर गरीब को मुफ्त राशन देने के साथ ही घर घर में बिजली और हर गाँव में सड़क पहुंचाकर गांवों को जोड़ने का काम किया है। उन्होने कहा कि जेपी ने देश को संपूर्ण क्रांति का नारा दिया था, लेकिन किसी भी विपक्षी दल ने इसे सफल बनाने का प्रयत्न नहीं किया। देशभर के करोड़ों गरीबों के जीवनस्तर को बेहतर बनाते हुए मोदी ने जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति के मंत्र को चरितार्थ करने का काम किया है।

प्रधानमंत्री मोदी  ने देशभर के 60 करोड़ गरीबों के जीवन स्तर को ऊपर उठाकर, उनके लिए रोजगार के अवसर सृजित कर और उनके घरों से धुआँ निकालकर घर में उजाला करने का काम किया है। गृह मंत्री ने कहा कि 1974 में जयप्रकाश ने बिहार में जो अराजनीतिक आंदोलन किया उसमें सभी विचारधाराओं के छात्र शामिल हुए थे। जेपी का नाम लेकर राजनीति में आये लोग अब पाला बदलकर जेपी के सिद्धांतों को दरकिनार कर चुके हैं, और आज सत्ता सुख के लिए विपक्ष की सरकार में बैठ गए हैं। अमित शाह ने कहा कि बिहार की जनता को तय करना है कि वह  जयप्रकाश के दिखाए हुए रास्ते पर चलने वाले नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार या जेपी के रास्ते से भटक कर सत्ता के लिए गठजोड़ करने वाली सरकार का साथ देगी। शाह ने कहा कि आज जेपी के सिद्धांतों के लिए उनकी जन्मस्थली में एक बहुत बड़ा स्मारक बनाया गया है। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी जेपी के विचारों से प्रेरणा लेकर देश के विकास को नई गति दे सके इस उद्देश्य से नरेंद्र मोदी ने यहाँ स्मारक के साथ एक रिसर्च सेंटर बनाने का भी निर्णय लिया। R&D सेंटर बनने के बाद विद्यार्थी यहाँ रहकर जेपी के सिद्धांतों व ग्रामीण विकास हेतु किये गये उनके कार्यों पर शोध कर पाएंगे| अमित शाह ने कहा कि जयप्रकाश ने सहकारिता, ग्रामोत्थान और सर्वोदय के अनेक कार्य कर बहुत बड़ा योगदान दिया है और आज उनकी जन्म जयंती पर पूरा देश जयप्रकाश को याद कर रहा है।

Read Previous

महाविद्यालय कफोटा में शिक्षक-अभिभावक संघ’ की बैठक में समस्त अभिभावक तथा प्राध्यापकों ने भाग लिया

Read Next

जलरक्षकों-मल्टीटास्क वर्कर्ज को बड़ी राहत; बैठक में आठ साल में अनुबंध देने का बड़ा फैसला

error: Content is protected !!