News portals-सबकी खबर(शिमला)
संशोधित पे बैंड आठ के बजाय दो साल में देने की मांग पर अड़े साल 2015 से भर्ती सैकड़ों पुलिस कांस्टेबलों ने अभियान जारी रखते हुए अब सोशल मीडिया पर अपने अकाउंट पर सरकार के विरोध में अपनी प्रोफाइल काली कर दी हैं। शुक्रवार को भी मेस में पुलिस कर्मियों ने खाना नहीं खाया। पुलिस कर्मियों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे तब तक मेस में खाना शुरू नहीं करेंगे, जब तक सरकार उनकी मांग पर ठोस कदम नहीं उठाती।खास बात यह है कि पुलिस कर्मियों का यह नया तरीका ऐसे समय में सामने आया है, जब पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी पुलिस कार्यालयों के प्रमुखों को एक एडवाइजरी जारी कर पुलिस कर्मियों को सोशल मीडिया से दूर रहने के लिए कहने और पुलिस मेस में खाना खाने के लिए सलाह देने के लिए कहा गया है। यह कहा गया है कि इस आदेश का सख्ती से पालन कराया जाए। उधर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी पहली बार पुलिस कर्मियों से अनुशासन में रहकर काम करने की अपील की है। कहा है कि पुलिस कर्मियों ने कोविड से लेकर हर हालात में बेहतर कार्य किया है। ऐसे में उनकी बात को सरकार ने सुनकर विचार शुरू कर दिया है और जल्द ही उचित कदम उठाए जाएंगे।पुलिस कर्मियों के परिजनों के विरोध पर सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप पांच दिसंबर को बिलासपुर में होने वाले सरकारी कार्यक्रम में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के सामने कर्मियों के परिजनों के विरोध करने की चर्चाओं के बीच सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है। खुफिया एजेंसियों ने पहले ही सरकार और प्रशासन को सतर्कता बरतने के लिए कहा है। पुलिस के लिए धर्मसंकट यह है कि उनके ही कुछ मातहतों के परिजन अगर कार्यक्रम स्थल पहुंच गए और वहां प्रदर्शन किया तो वह क्या कार्रवाई करेंगे।
साथ ही यह भी तय है कि विरोध से यह मुद्दा केंद्रीय नेताओं की वजह से राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच जाएगा। इससे न सिर्फ प्रदेश सरकार की राष्ट्रीय स्तर पर बदनामी हो सकती है, बल्कि केंद्रीय नेतृत्व के सामने भी जयराम सरकार की साख खराब होने का खतरा है। इसी वजह से पुलिस के आला अधिकारियों ने अपने स्तर पर नाराज पुलिस कर्मियों को मनाने की कोशिश शुरू कर दी है। दलील दी जा रही है कि सीएम ने आश्वासन दिया है, इसलिए उनके निर्देश के बाद होने वाले फैसले तक इंतजार किया जाए।सोशल मीडिया पर परिवारों ने शुरू किया जस्टिस फॉर एचपी पुलिस अभियानपुलिस कर्मियों पर पुलिस मुख्यालय के सोशल मीडिया पर बयानबाजी न करने के दबाव के बीच उनके परिजनों ने अभियान को नया स्वरूप दे दिया है। बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों के परिजन सोशल मीडिया पर जस्टिस फॉर एचपी पुलिस लिखी तख्तियों वाले फोटो डालकर पुलिस कर्मियों के साथ इंसाफ किए जाने की मांग कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि सोशल मीडिया पर इस तरह के अभियान में अब आम लोग भी अपना समर्थन दे रहे हैं। लोग कमेंट कर पुलिस कर्मियों के साथ न्याय करने की मांग कर रहे हैं।
पुलिस कर्मियों को भी दो साल में अनुबंध पर लाए सरकार: आनंद हिमाचल प्रदेश सेवानिवृत्त पुलिस इकाई कांगड़ा, हमीरपुर, चंबा और ऊना की आपात संयुक्त बैठक धर्मशाला में कांगड़ा के अध्यक्ष आनंद धीमान की अध्यक्षता में हुई। इसमें वर्ष 2015 के उपरांत भर्ती हुए पुलिस आरक्षियों के 8 वर्ष उपरांत संशोधित वेतनमान दिए जाने पर आपत्ति जाहिर की। पुलिस कर्मियों की मांगों का पुरजोर समर्थन किया गया।उन्होंने कहा कि जब अन्य विभागों के अनुबंध सेवाकाल को 8 वर्ष से 3 वर्ष और अब 2 वर्ष किया जा सकता है तो पुलिस कर्मियों के साथ यह अन्याय और सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है। यह भी रोष प्रकट किया गया कि इस संबंध में पुलिस मुख्यालय और उच्च पुलिस अधिकारी को मौन धारण हुए हैं। बैठक में जगदीश शर्मा, परस राम, बलदेव सिंह, कैलाश वालिया उपस्थित रहे।
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